लंबी ट्रेन 'पिनाक, चुनार से चलाई गई 232 बैगन की 2.7 किमी

Update: 2022-09-04 14:06 GMT
माल ढुलाई को बढ़ावा देने और कोयला रेक की आवाजाही में तेजी लाने के उद्देश्य से उत्तर मध्य रेलवे ने शनिवार शाम चुनार से चार खाली बॉक्सएन रेक की 2.7 किमी लंबी लॉन्ग हॉल मालगाड़ी का संचालन किया। रेलवे पीआरओ रागिनी सिंह ने रविवार को बताया कि पिनाका नामक लॉन्ग हॉल में कुल 232 वैगन (प्रति भाग 58 वैगन) और चार ब्रेक वैन शामिल थे। यह चुनार में चार खाली बॉक्सएन रेक को मिलाकर बनाया गया था जिसमें प्रमुख भाग में डब्लूएजी9 मल्टी-यूनिट लोकोमोटिव था, जबकि बाकी तीन भागों में अपने इंजन थे। आमतौर पर लंबी दूरी की ट्रेनें दो ट्रेनों को मिलाकर चलाई जाती हैं।
उन्होने बताया कि माल ढुलाई में तेजी लाने, विशेष रूप से कोयले को देखते हुए, परीक्षण के आधार पर तीन या अधिक ट्रेनों को मिलाकर एक लंबी मालगाड़ी की संरचना की गई। सिंह ने बताया कि अगस्त में प्रयागराज मण्डल के चुनार से 36 लॉन्ग हॉल की दो ट्रेनों और चार त्रिअग्नि (त्रिअग्नि- 3 खाली बॉक्सएन रेक की लॉन्ग हॉल) का गठन किया गया था। खाली बाक्सएन रेक की लॉन्ग हॉल को विभिन्न कोयला लदान स्थलों पर लदान के लिए पूर्व मध्य रेलवे को भेजा जाता है। लंबी दूरी की इन ट्रेनों के संचालन का मुख्य उद्देश्य लाइन की क्षमता मे वृद्धि करना है। चूंकि चुनार-चोपन खंड वर्तमान में एक सिंगल लाइन खंड है।
यह कोयले की आवाजाही के लिए ट्रंक मार्ग के रूप में भी कार्य करता है, उत्तरी कोयला क्षेत्रों (एनसीएल) में अधिकतम कोयला लोडिंग हो रही है, इसलिए कोचिंग ट्रेनों की समयपालन को प्रभावित किए बिना कोयला रेक की गतिशीलता बढ़ाने के लिए लॉन्ग हॉल ट्रेनों को चलाने के विचार को क्रियान्वित किया गया है। पिनाका शनिवार की शाम छह बजकर 20 मिनट चुनार से रवाना हुई। उसे चोपन में पूर्व मध्य रेलवे को सौंप दिया गया। जिसमे से दो बाक्सएन को शक्ति नगर साइडिंग एवं दो को कृष्णशिला साइडिंग में कोयला लोडिंग के लिए भेजा गया । पारंपरिक रूप से उत्तर मध्य रेलवे में टूंडला, खुर्जा, झांसी और बाद (मथुरा के पास) जैसे स्थानों से दो ट्रेनों की लॉन्ग हॉल बनाई जाती रही है। पिनाका सीरीज़ के ये ट्रायल आगे भी निरंतर जारी रहेंगे।
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