दिल्ली-एनसीआर की तरह लखनऊ के आसपास बनेगा 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र'
प्रदेश में शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है। और विकास हर व्यक्ति तक तेजी से पहुंचे इसके लिए योगी सरकार ने कमर कस ली है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र यानि की एससीआर बनाने की योजना है। इस एससीआर में लखनऊ और आस-पास के छह और जिलों को शामिल किया जाएगा। जनता और विकास की जरूरत को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को एससीआर का ब्लू प्रिंट तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं। सीएम योगी ने कहाकि, आगामी 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार करें।
एससीआर की कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी विकास प्राधिकरणों के साथ समीक्षा बैठक की। सीएम योगी ने कहाकि, जिस प्रकार से लखनऊ एक मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित हो रहा है। उसकी वजह से प्रदेश के सभी क्षेत्र के लोग यहां आकर बसना चाहते हैं। इस वजह से आसपास के जिलों में जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है। लखनऊ संग आस-पास के शहरों के सुनियोजित विकास के लिए एससीआर का गठन जरूरी हो गया है। आवास विभाग के अफसरान को एससीआर गठन की कार्ययोजना जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
एससीआर में सात जिले होंगे शामिल
प्रस्तावित उप्र राज्य राजधानी क्षेत्र एससीआर में राजधानी लखनऊ के अलावा उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल करने की योजना है। एससीआर का सेंट्रल पॉइंट लखनऊ.बाराबंकी बॉर्डर होगा। इसमें मोहनलालगंज से बीकेटी तक के क्षेत्र शामिल किए जाने की योजना है। मास्टर प्लान के तहत 2031 तक एसीआर के क्षेत्र शामिल किए जाएंगे।
साथ ही मेट्रो सेवा में यात्रियों के बढ़ते रुझान को देखते हुए दूसरे चरण की मेट्रो सेवा शुरू करने का प्रस्ताव एक सप्ताह में तैयार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर जल्द शुरू करने और नगर निगम की सीमा का विस्तार करने के भी निर्देश दिए हैं।