कच्चे घरौंदों में बसर हो रही जिंदगी, काले मेघा देख छूट जाती है कंपकंपी

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Update: 2022-10-09 13:19 GMT
मथुरा। सरकार का हर किसी को कच्चे मकान का अभियान अभी अंजाम तक पहुंचा बाकी है। गांवों में जहां तहां बडी संख्या में लोगों कच्चे घरौंदों में जिंदगी बसर कर रहे हैं। झमाझम बरसात किसी के लिए आनंद का विषय हो सकती है । लेकिन घुमडते मेघों को देख कर इन की कंपकंपी छूट जाती है। ग्राम प्रधान अमित प्रताप सिंह ने बताया कि लगातार हो रही बारिश की वजह से वैसे तो फसल सारी चौपट हो गई है। गांव के चारों तरफ पानी भी भरा है। वहीं गांव के सिकलीगर मोहल्ले में मिट्टी से बने मकानों की दीवार गिर गई है। गनीमत यह है कोई जनहानि नहीं हुई है।
अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है और उनको इन लोगों के लिये पक्के मकान बनवाने की बात कही है। जब तक इन लोगो को रहने के लिये अलग से व्यवस्था कर दी गई है। लोगों को पक्के मकान देने के लिए सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना का बडी संख्या में लोगों को लाभ मिला है। लेकिन असल जरूरतमंद अभी भी इस योजना से कोसों दूर खड़े दिखाई देते हैं। वहीं योजना के लाभार्थियों के चयन को लेकर भी बार बार सवाल उठते रहे हैं। ग्राम प्रधान के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि अब तक इन लोगों को पक्के मकान देने के प्रयास क्यों नहीं हुई।
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