Law College के एल्युमिनाई एवम् सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता ने कहा, जब तक समाज रहेगा वकीलों की दरकार रहेगी
मुरादाबाद, Moradabad: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी Tirthanker Mahaveer University, मुरादाबाद के लॉ कॉलेज के एल्युमिनाई एवम् सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिवक्ता श्री नीतीश राय ने कहा, जब तक समाज रहेगा वकीलों की दरकार रहेगी। आम आदमी और वकील परस्पर निर्भर हैं। किसी को मुसीबत से बाहर निकालने, कानूनी कार्यवाही में उनका प्रतिनिधित्व करने और देश के कानून ठीक से लागू हों, इसके लिए वकीलों की आवश्यकता होती है। कानून में करियर इतना अनुशंसित और प्रचलित होने का कारण इसकी है। कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र केवल स्नातक या मास्टर डिग्री के पैरा लीगल कार्य कर सकते हैं, जैसे अदालती दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना, कानूनी दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना, कानूनी शोध करना और समय-समय पर वरिष्ठ वकीलों की सहायता करना आदि । श्री राय तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के लॉ कॉलेज में एल्युमिनाई रिलेशन सेल की ओर से करियर इन लॉ-पावर रेस्पेक्ट- पोजीशन पर आयोजित एल्युमिनाई टॉक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में अधिवक्ता श्री नीतीश राय ने बतौर मुख्य अतिथि, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, एआरसी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रो. निखिल रस्तोगी, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सुशील कुमार सिंह आदि ने मां सरस्वती के विविधता समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। अंत में प्रिंसिपल प्रो. एसके सिंह Principal Prof. SK Singh ने वोट ऑफ थैंक्स दिया।
श्री नीतीश बोले, अनुपालन विश्लेषक का मुख्य कार्य कंपनी या फर्म के लिए काम करने वाले देश के कानूनों के अनुपालन को सुनिश्चित करना है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनी की नीतियां नियम और उपनियम देश के संविधान और अन्य कानूनी विधियों के अनुसार हों। एक वकील निःसंदेह न्यायपालिका में प्रवेश कर सकता है। वे न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट बन सकते हैं। वे विवादों का निपटारा तेजी से और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुसार करें। कानून के छात्रों के लिए एक और बेहतरीन करियर विकल्प सरकार का हिस्सा बनना है। वे यूपीएससी परीक्षा पास करके सिविल सेवक बन सकते हैं और देश के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। कानून के छात्रों के लिए कई अन्य करियर उपलब्ध हैं जैसे- फोरेंसिक विशेषज्ञ, लॉ फर्म प्रशासकLaw firm administrator, इन-हाउस वकील, कोर्ट क्लर्क, लॉ प्रोफेसर, लीगल करियर काउंसलर, लॉ स्कूल के डीन, पेशेवर कानूनी विश्लेषक, संघर्ष विश्लेषक आदि। लॉ स्कूल के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित ने कहा, भारत में कानून को हमेशा एक महान और सम्मानजनक पेशा माना जाता रहा है। हमारे देश की जड़ों में महात्मा गांधी, मदन मोहन मालवीय, दादाभाई नौरोजी जैसे महान वकीलों का काम शामिल है। इन महान वकीलों ने न केवल वकालत की, बल्कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भी बहुत बड़ा योगदान दिया। तब के वकील और अब के वकील हमेशा हमारे देश की कानूनी व्यवस्था को विनियमित करने में सावधानीपूर्वक मदद करते रहे हैं।