ललितपुर : जिले में निजी बस संचालकों की हड़ताल, मांग को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन

मांग को लेकर डीएम को सौंपा ज्ञापन

Update: 2022-08-27 11:05 GMT

ललितपुर. यूपी के ललितपुर में प्राइवेट बस संचालकों ने हड़ताल हड़ताल कर दी. जिसमें बसों के पहिए न घूमने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. बस संचालकों ने इलाइट चौराहे पर अस्थाई बस स्टैंड बनाने से नाराजगी जताई है. उन्होंने अपनी मांग को लेकर डीएम को ज्ञापन सौंपा है. बस संचालकों की हड़ताल करने पर आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्हें आने जाने में काफी दिक्कत है झेलनी पड़ रही है.

बताते चलें कि पूरा मामला ललितपुर की इलाइट चौराहे पर अस्थाई बस स्टैंड बनाने से प्राइवेट बस संचालकों ने हड़ताल की है जिसे लेकर वह काफी नाराज हैं. जिसके बाद उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि नगर के मोहल्ला घोसियाना स्थित अंतर राज्य बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग एक सैकड़ा बसें चलाई जाती हैं. इनमें कुछ बसें जिले की सीमा से सटे मध्य प्रदेश की जिला टीकमगढ़ सागर दतिया के लिए जाती है. वही झांसी जिला मुख्यालय में से ब्लॉक स्तर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए संचालित हो रही हैं. इनमें प्रतिदिन लगभग4 से 5,000 यात्री सवार होते हैं.
जिले में सबसे अधिक दिक्कत समस्या महरौनी मड़ावरुण सागर टीकमगढ़ चंदेरी की यात्रियों को हुई. इन रूट पर रोड की बसों का संचालन बिल्कुल बंद कर दिया गया. इस मार्ग में आवागमन करने वाले यात्रियों को ट्रैक्सियों से अधिक किराया देकर जाना पड़ा, कुछ यात्री मार्गों में डग्गामार वाहनों से गए. वही निजी बसों की हड़ताल से झांसी ललितपुर मार्ग से अधिक समस्या नहीं रहेगी यहां पर परिवहन निगम ने रोडवेज की 10 बसों का संचालन जारी रखा. इसलाइट चौराहे से ही इन बसों को रवाना किया गया.
बता दें कि शुक्रवार को बस स्टैंड के परिवर्तित किए गए स्थान पर सुविधाएं न होने की विरोध में निजी बस संचालकों ने हड़ताल कर दी थी. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने बस स्टैंड को परिवर्तित तो कर दिया लेकिन सुविधाओं का अभाव है. यहां पर न तो यात्रियों के बैठने और पानी पीने की सुविधा है और न ही सफाई की गई है. यहां झाड़ियां उगी हुई है साथ ही बस के चालक व परिचालकों को ठहरने के दौरान इस्नान व प्रकाश की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि 4 दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है इससे बस संचालन करना मुश्किल हो रहा है.


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