गाजियाबाद में उद्योगों के लिए जरूरी सुविधाओं का अभाव

औद्योगिक क्षेत्रों में अंधेरा दूर होने और सड़कों के सुधरने का इंतजार

Update: 2024-05-01 06:30 GMT

गाजियाबाद: औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले गाजियाबाद में उद्योगों के लिए जरूरी सुविधाओं का अभाव है. औद्योगिक क्षेत्रों में टूटी सड़कों से लेकर जलभराव की समस्या है. रात में अंधेरा रहता है. उद्यमी प्रत्याशियों से सुविधाएं मुहैया कराने की मांग कर रह रहे हैं, लेकिन अब तक समस्याएं जस की तस हैं.

गाजियाबाद में 13 औद्योगिक क्षेत्र यूपीसीडा और चार से अधिक जीडीए ने विकसित किए हैं. इन क्षेत्रों में 35 हजार से अधिक उद्योग संचालित हैं. इनमें करीब 60 हजार उद्यमी हैं. वहीं, बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र में पश्चिम उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी लोहा मंडी है, जिसमें 40 हजार से अधिक व्यापारी और लोग काम करते हैं.

लगातार प्रदूषण बढ़ रहा औद्योगिक क्षेत्र में टूटी सड़कों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा. वाहनों से निकलने से धूल उड़ती है, जिससे प्रदूषण लगातार बढ़ता रहता है. इससे यहां काम करने वाले लोग भी परेशान हैं. वहीं, स्ट्रीट लाइट खराब रहती हैं. यहां के उद्यमी इसकी शिकायत कई बार कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा. रात में हादसे का खतरा रहता है. आपराधिक घटनाओं के डर से महिला कर्मचारियों ने रात में काम करना बंद कर दिया है. इसके बाद भी औद्योगिक क्षेत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

पानी निकासी की भी व्यवस्था नहीं

औद्योगिक क्षेत्रों में पानी निकाली की कोई व्यवस्था नहीं है. इस कारण पानी सड़कों पर भरा रहता है. बरसात के दौरान यहां की हालत और खराब रहती है. यहां की टूटी सड़कों पर जलभराव रहता है, जिससे वाहनों समेत लोगों को आवाजाही में काफी दिक्कत होती है. जलभराव के साथ सड़कों पर गहरे गड्ढे होने से वाहन इनमें फंस जाते हैं. वहीं, लोग दुपहियां से गिर जाते है. जबकि चार पहियां वाहन यहां खराब होने का डर हमेशा बना रहता है.

उद्योगों के लिए सस्ती दर पर जमीन नहीं मिल रही

उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को जमीन सस्ते दर पर नहीं मिल रही है. इस कारण सरकारी विभाग करीब दो दशक से यहां कोई बड़ा औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं कर सके हैं. इस कारण यहां तेजी से निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिनमें उद्यमियों को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उद्यमी नियोजित तरीके से औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की मांग उठा रहे हैं.

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