Kushinagar: तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के महुअवां कारखाना में भीषण चोरी

Update: 2024-09-14 11:09 GMT
Kushinagarराजापाकड़/कुशीनगर: तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र में चोरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की रात चोरों का निशाना महुअवां कारखाना गांव रहा। जहां सात छतों को फांद कर चोरों ने दूसरी मंजिल पर लोहे का लगा फाटक खोल कर चोरी की घटना को अंजाम दिया।
महुअवा कारखाना के हुल्ली का टोला निवासी सलाउद्दीन व सोनू पुत्रगण स्वर्गीय अनवर अली रोज का भांति खाना खाकर सो रहे थे। रात करीब ग्यारह बजे सलाउद्दीन जब दूसरी मंजिल की छत की तरफ किसी कार्य से गया तो सीढ़ियों पर खुली अटैची व फेंका गया सिलाई मशीन देखकर चौंक गया। छत की तरफ गया तो लोहे का फाटक खुला मिला तथा कुंडी को तोड़ने का प्रयास किया गया था। उसके शोर मचाने पर घरवाले तथा पड़ोसी पहुंचे। देखा तो आलमारी का लाक तोड़कर उसमें रखा गया सोना का एक मंगलसूत्र, एक झुमका, एक कंगन, एक नथिया, एक पाजेब, बिछुआ, एक चांदी की चोटी सहित दस हजार रुपये गायब थे। दो बक्सा तथा एक अटैची का ताला टूटा मिला तथा कपड़े सहित अन्य सामान फर्श पर बिखरा पड़ा था। बगल में रखा दीवान बेड तक को खंगाल दिया गया था। सूचना पर पहुंची तुर्कपट्टी पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस संबंध में एसओ संजय कुमार ने कहा कि पुलिस मौके पर गयी थी। मामले की जांच की जा रही है। शीघ्र चोरी का खुलासा कर लिया जाएगा।
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पुलिसकर्मी का बयान बना क्षेत्र में चर्चा का विषय
- चोरी की सूचना पर एसओ तुर्कपट्टी स्वयं ही भारी फोर्स के साथ पहुंचे तथा घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद गृहस्वामी तथा महिलाओं का बयान लेने लगे। इसी बीच मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मी परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ करने लगे। इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने यहां तक कह दिया कि अपने सामान की रक्षा नहीं कर सकते? अर्थात सब कुछ पुलिस के भरोसे ही छोड़ रखा है? यह कथन क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। लोग कहने लगे हैं कि क्या पुलिस का काम सिर्फ रिश्वत लेकर काम करना रह गया है। गांव वालों का यह भी कहना था कि लगातार हो रही चोरी तथा उनका अनावरण करने में नाकाम पुलिस अपनी खीझ अब पीड़ितों पर ही निकाल रही है।
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चोरों के दुस्साहस की खूब हो रही चर्चा
- आम तौर पर चोर किसी गांव में किनारे स्थित घर को अपना निशाना बनाते हैं। सलाउद्दीन व सोनू का घर बीच गांव में है। इसके बावजूद चोर मस्जिद के एक दीवार के सहारे मस्जिद की छत पर चढ़े, फिर छह अन्य छतों से होते हुए घटना को अंजाम देकर आराम से चलते बने।
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