कानपूर न्यूज़: केडीए के छह प्लॉटों की रजिस्ट्री में किए गए फर्जीवाड़े के आरोप में शासन ने अनु सचिव केसीएम सिंह को निलंबित कर दिया है. कमिश्नर डॉ. राजशेखर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच अवधि में अनु सचिव मंडलायुक्त कार्यालय से संबद्ध रहेंगे.विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह की संस्तुति पर कार्रवाई की गई है.
प्रमुख सचिव आवास नितिन गोकर्ण द्वारा जारी किए गए आदेश में अनु सचिव पर कई गंभीर आरोप हैं. आरोप है कि उन्होंने अपने नियंत्रण के अधीन आवासीय योजनाओं में अनियमितताएं बरतीं. कृष्णापुरम योजना के प्लॉट नंबर एस-13 एक्स-1, एस-14 एक्स-1 मुखर्जी विहार के एमआईजी प्लॉट नंबर 5, प्लॉट नंबर 10, सुजातगंज योजना से सी ब्लॉक के प्लॉट नंबर 310 और बी ब्लॉक के प्लॉट नंबर 293 की फ्रीहोल्ड डीड में फर्जीवाड़े को छिपाया. तथ्यों को छिपाकर गलत ढंग से प्रस्तुत किया और धोखाधड़ी करके फ्रीहोल्ड डीड कर दी. इस मामले में केडीए उपाध्यक्ष ने गोपनीय ढंग से जो जांच कराई थी उसमें प्रथम दृष्टया इन्हें दोषी पाया गया है. इनके विरुद्ध विकास प्राधिकरण की सेवा नियमावली 1985 के नियम 33 और उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली 1999 के नियम 7 के तहत कार्यवाही की जाती है. तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.
कमिश्नर से एक माह में मांगी गई रिपोर्ट प्रमुख सचिव ने आदेश में कहा है कि जांच अधिकारी मंडलायुक्त इस मामले की जांच पूरी करते हुए एक माह के भीतर हर हाल में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे. तब तक अनु सचिव जांच में सहयोग देंगे. आरोप पत्र अलग से जारी किया जाएगा. उपाध्यक्ष को निर्देशित किया है कि वह अनु सचिव को आदेश तामील कराएं.
27 फरवरी को नौ पर गिरी थी गाज 27 फरवरी को 13 प्लॉट और भवनों को हथियाने के लिए किए गए फर्जीवाड़े में केडीए उपाध्यक्ष ने बड़ी कार्रवाई की थी. दो अफसरों समेत नौ पर गाज गिरी थी. इसमें अनु सचिव केसीएम सिंह और लेखाकार केएन वर्मा के निलंबन की संस्तुति हुई थी. वहीं द्वितीय श्रेणी लिपिक प्रदीप सविता को निलंबित कर दिया गया था. रिटायर हो चुके उप सचिव नागेंद्र पांडेय और रिटायर बाबुओं में प्रेम साहू और त्रिभुवन गुप्ता को भी आरोप पत्र सौंपा जाएगा. मौजूदा बाबू एजाज अंसारी, दो अनुचर कुमारी मधु व शिव प्रसाद तिवारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है. अभी इस फर्जीवाड़े के कई और राज सामने आने बाकी हैं.