Kanpur: गांवों में कच्ची शराब बन चुकी धंधा, चार गिरफ्तार

पुलिस ने दस हजार किग्रा लहन की नष्ट

Update: 2024-07-12 04:51 GMT

कानपूर: जनपद में कच्ची शराब के कारोबार को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पुलिस अधीक्षक ने सभी थानों की पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रखे हैं. इस क्रम में तालबेहट कोतवाली ने कबूतरा डेरा गणेशपुरा बन्दैला में छापेमारी की, जिससे डेरे पर भगदड़ गयी. शराब बना रहे लोग धधकती भह्वियां छोड़ भाग खड़े हुए. पुलिस ने भारी मात्रा में लहन नष्ट करके 960 लीटर शराब जब्त करके चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया.

कच्ची शराब जनपद के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है. गांव-गांव भह्वियां धधकने लगी हैं. क्षेत्राधिकारी तालबहेट कुलदीप कुमार को मुखबिर से सटीक सूचना मिली कि कबूतरा डेरा गनेशपुरा बन्दरैला में कच्ची शराब की बड़ी खेप और लहन कहां रखा है. जानकारी लगते ही उन्होंने पुलिस दल को डेरे पर जाकर कार्रवाई के निर्देश दिए. इस पर कोतवाली पुलिस दल बल के साथ जेसीवी मशीन आदि लेकर डेरे पर पहुंची. पुलिस ने जेवीसी मशीन से पहले कई भह्वियों को ढहा दिया. फिर जमीन के भीतर ड्रमों छिपाकर रखे गए 10,000 किलोग्राम लहन को जमीन पर फैलाकर नष्ट किया गया.

पुलिस दल ने जेवीसी मशीन से कई जगह खुदाई करके शराब बनाने के बर्तनों को नष्ट कर दिया. इस दौरान विभिन्न डिब्बों में रखी 960 लीटर कच्ची शराब पुलिस ने जब्त की. इस दौरान रोमा पुत्री मुकेश कबूतरा, अरीना पत्नी आनन्द कबूतरा, चांदनी पत्नी दुर्गेश कबूतरा व संजना पुत्रीनिवासीगण कबूतरा डेरा गनेशपुरा बन्दरैला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

तहसील क्षेत्र में कच्ची शराब उद्योग का रूप ले चुकी है. यहां अधिकतर गांवों में दबंग इस कारोबार को व्यवस्थित ढंग से अंजाम दे रहा है. शराब बनवाने के साथ निर्धारित स्थानों

पर उसकी बिक्री भी कराई जा रही है. पुलिस जानते हुए भी कुछ नहीं करती. इसकी वजह बताने की जरूरत भी नहीं है. आबकारी विभाग की अनदेखी और पुलिस की मिलीभगत से मड़ावरा व आसपास अवैध कच्ची शराब का कारोबार फलफूल रहा है. इसको दबंग तैयार करवा रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में मजदूर व गरीब तबके के ल्जिस कारण कारोबार में भी विस्तार जारी है. कच्ची शराब गांव में अधिकतर किराना की दुकानों पर सहज उपलब्ध रहती है. कई चाय के डिब्बों पर भी इसको खुलेआम बेचा जाता है. गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी इसका सेवन करके अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं. सस्ती होने के कारण लोगों की यह पहली पसंद बन चुकी है. समझदार ग्रामीणों ने कई बार इस शराब के कारोबार को बंद कराने की मांग उठाई, पुलिस ने कार्रवाई भी की लेकिन स्थाई समाधान नहीं खोजा जा सका. ग्रामीणों के मुताबिक यदि इस शराब के धंधे को बंद नहीं कराया गया तो हजारों बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.

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