Kanpur: दवाओं के फेल नमूने पर कीटनाशी अधिनियम के तहत होगी एफआईआर
जनपद के कई किसान दवाओं के बेदम को लेकर परेशान है
कानपूर: बुन्देलखंड के किसान की बदहाली कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी अधूरी जानकारी मुश्किलें बढ़ाती रहती हैं. अभी जनपद के कई किसान दवाओं के बेदम को लेकर परेशान है और कई किसानों ने दो बार भी दवा का छिड़काव करके जेब ढीली कर दी है. लेकिन किसानों को खरपतवार और चारे से राहत नहीं मिली है. हालांकि कृषि विभाग ने बताया कि जून से अब तक लिए गए कीटनाशी दवाओं के सेंपल में दो की रिपोर्ट में नमूने फेल हुए उन पर कीटनाशी अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया जाएगा. जबकि अब भी 14 नमूनों की रिपोर्ट का कृषि विभाग और किसानों को इंतजार है.
जनपद में खरीफ का उत्पादन करने के लिए अधिकांश किसान खेतों पर ही दिखाई देते है. ऐसे मौसम में उन किसानों को भी फायदा होता है जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं है. जनपद के कई किसान मूंगफली की बुआई कर चुके है. किसान परेशान है कि उनकी फसल के साथ खरपतवार नष्ट नहीं होती है जबकि दवा का छिड़काव एक और दो बार भी कर दिया है. फिर भी खरपतवार सीना ताने अन्य फसल के सामने खड़ी हुई है. जिससे किसानों र्की ंचता बढ़ रही हैे. हालांकि कृषि विभाग ने कहा कि दवाओं की सही टाइमिंग और जानकारी से किसान खरीदें तो दिक्कत नहीं होगी.
जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि विभाग कीटनाशी दवाओं के 26 सेंपल जून से अब तक ले चुका है. उन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि अब तक 12 की रिपोर्ट मिली जिसमें दो सेंपल अधोमानक मिले है. उन्होंने बताया कि क्लोरोपाइरीफॉस 50 प्रतिशत ईसी प्लस परमेथरिन 5 प्रतिशत ईसी जो जसवंत रसायन लिमिटेड की और दूसरा क्लोरोपाइरीफॉस 20 फीसदी ईसी हिन्दुस्तान एग्रीनिक्स का है यह फेल हुए है. यह सेंपल क्रमश बुन्देलखंड बीज भंडार गल्ला मंडी और आयरन बीज भंडार भोजला मंडी से लिए गए थे. इसके लिए नोटिस जारी करते हुए अब कीटनाशी अधिनियम 1968 के अधीन केस भी दर्ज कराया जाएगा.
किसान रखें फसल में समय का ख्याल: जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि दवाओं के छिड़काव में उचित मात्रा का पूरा ख्याल रखें. दवा के छिड़काव का समय भी सही हो. जब भी दुकानदार से दवा खरीदें तो बिल जरूर ले लें ताकि दवा यदि गड़बड़ रहे तो प्रमाण किसान के पास हो. सभी सावधानी के साथ यदि किसान कार्य करेंगे तो फसल में नुकसान की संभावना कम से कम होगी. बताया कि अभी 14 की रिपोर्ट आना बाकी है. उनमें भी यदि नमूने फेल होंगे तो संबंधितों पर कार्रवाई होगी.