Kanpur कानपुर । विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम सुदामा प्रसाद की कोर्ट ने युवक की हत्या में दोषी को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। कैंची मारकर युवक की हत्या की गई थी, लेकिन जातिसूचक गालियां देने का आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सका।
सुदेश कोरी ने लल्लू का पुरवा थाना घाटमपुर निवासी संतोष सविता के खिलाफ बर्रा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि एक जनवरी 2017 को वह 18 वर्षीय अपने भाई बच्चा उर्फ अंकित के साथ काम करने जाने के लिए वरुण विहार रोड के बगल में खड़े थे।
सुबह 9:30 बजे सुबह गली में संतोष सविता कैंची लेकर आया और जान से मारने की नीयत से बच्चा पर हमला कर दिया। कैंची उसके गले में घुस गई। उसके गले और मुंह से खून निकलने लगा। संतोष कैंची लेकर भाग गया। इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
विशेष लोक अभियोजक प्रदीप पचौरी ने बताया कि विवेचना में सामने आया था कि संतोष सविता ने बच्चा उर्फ अंकित को घटना से कुछ दिन पहले जातिसूचक गालियां बकते हुए जान से मारने की धमकी भी दी थी। कोर्ट ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार हत्या में संतोष को सजा सुनाई।