जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में बोले, कमाल फारूकी- सड़क पर न करे मदरसा सर्वे का विरोध प्रदर्शन

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Update: 2022-09-06 12:23 GMT
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश भर में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का भी ऐलान किया उसके बाद प्रदेश मदरसे को लेकर सियासत शुरू हो गई है। वहीं सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है। वहीं जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्य कमाल फारूकी ने इसे लेकर दिल्ली में बड़ी बैठक की। उन्होंने कहा कि मदरसे सर्वे का विरोध सड़क पर उतर कर न करे। फारूकी ने मुस्लिम समुदाय से कहा कि जांच में सहयोग करे। जो भी कमी होगी उसे पूरा करने का सहयोग करे। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 सितंबर को आदेश दिया कि प्रदेश में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराया जाएगा। वहीं इसे लेकर ओवैसी ने योगी सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि मान्यता प्राप्त मदरसे के अध्यापकों को योगी सरकार और केंद्र सरकार वेतन नहीं दे रही है। जबकि वो वेतन के लिए परेशान है। उन्होंने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार प्राइवेट मदरसे में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि मदरसे को सरकार शक की निगाह से देख रही है जबकि मदरसे से निकल कर लोगों ने देश को आजाद कराया है। उसके बावजूद उन लोगों पर शक किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने इसे लेकर बताया कि राज्य सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के सिलसिले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अपेक्षा के मुताबिक, प्रदेश के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है।
इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में मदरसे का नाम, उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या, पेयजल, फर्नीचर, विद्युत आपूर्ति तथा शौचालय की व्यवस्था, शिक्षकों की संख्या, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम, मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएंगी। पूछा गया कि क्या राज्य सरकार इस सर्वेक्षण के बाद नए मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करेगी, तो राज्य मंत्री ने कहा कि अभी सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करना है। गौरतबल है कि इस वक्त कुल 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान दिया जाता है। प्रदेश में पिछले छह साल से नए मदरसों को अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि आज जारी आदेश के मुताबिक, अब मदरसों में प्रबंध समिति के विवादित होने या समिति के किसी सदस्य के अनुपस्थित होने की दशा में मदरसे के प्रधानाचार्य और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मृतक आश्रित कोटे से नियुक्तियां कर सकेंगे। इससे पहले, प्रबंध समिति में कोई समस्या होने पर मृतक आश्रित को नौकरी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
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