ग्रामीणों के लिए निर्माणाधीन कालंदी-पिठलोकर मार्ग बना मुसीबत

Update: 2022-12-19 08:31 GMT

सरधना: निर्माणाधीन कालंदी पिठलोकर मार्ग ग्रामीणों के लिए मुसीबत बना हुआ है। करीब छह माह से इस मार्ग का निर्माण अधर में लटका हुआ है। ठेकेदार ने मार्ग पर रोड़े बिछाकर छोड़ दिए हैं। उड़ती धूल और टूटी सड़क के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशान गन्ना किसानों को उठानी पड़ रही है। यहां गन्नों से लदे वाहन पलटने का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सड़क का निर्माण कराने की मांग की है।

कालंद से कालंदी, पिठलोकर, खेड़ा आदि गांव जाने के लिए एक ही मार्ग का इस्तेमाल किया जाता है। यह मार्ग लंबे समय से क्षतिग्रस्त हालत में था। करीब छह माह पूर्व लोक निर्माण विभाग द्वारा इस मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। तब ठेकेदार ने सड़क पर रोड़ी और मिट्टी तो डाल दी। इसके बाद सड़क का बाकी काम अधर में ही छोड़ दिया। जिसके चलते ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

निर्माणाधीन सड़क से उड़ती धूल ने ग्रामीणों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है। आसपास खेतों में खड़ी फसल पर बेतहाशा धूल जम गई है। वहीं, मार्ग पर फैली रोड़ी के कारण यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी गन्ना किसानों को उठानी पड़ रही है। गन्नों से लदे वाहन पलटने का खतरा बना रहता है। ग्रामीण काफी समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं।

मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से शीघ्र सड़क का निर्माण कराने की मांग की है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी उक्त मार्ग से गुजरने के क्रम में उड़ती धूल का सामना करने को विवश हैं। पथ पर धूल ही धूल नजर आता है। धूल उड़ने से चालकों को काफी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भारी वाहन के आवाजाही से परेशानी बढ़ जाती है।

भारी वाहन के पीछे-पीछे चलने वाले छोटे-छोटे वाहन खासकर आॅटो, बाइक चालकों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। बाइक चालक को सड़क पर उड़ रही धूल आंखों के सामने ओझल कर देती है। इससे अक्सर दुर्घटना होती रहती है। इस रास्ते पर वाहनों के आने जाने से मिट्टी बारीक हो गई। अब जैसे ही कोई वाहन मार्ग से गुजरता है तो मिट्टी का गुब्बार बन जाता है तथा पूरा वातावरण धूलमय हो जाता है।

ऐसे में इस क्षेत्र के ग्रामीण खांसी, एलर्जी एवं दमे रोग से ग्रसित हो रहे हैं। भारी वाहन गुजरते समय तो दुकानदारों को अपनी दुकान के शटर तक बंद करने पड़ता है। यात्रियों के अलावा अन्य लोगों को भी वाहन के शीशे बंद कर आवाजाही करनी पड़ रही है। इन सड़क पर उड़ती धूल से सांस लेना मुश्किल हो रहा है।

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