Kushinagar राजापाकड़ कुशीनगर। शुकदेव प्रसाद त्रिपाठी स्नातकोत्तर महाविद्यालय भठहीं खुर्द कुशीनगर के परिसर में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के चौथे दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास त्रियुगीनारायण मणि त्रिपाठी ने कैकेई के चरित्र का वर्णन करते हुए कि रामराज्य की स्थापना करने के लिए राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगी,कि मेरा राम चौदह वर्ष जंगलों में वनवासीयों के बीच रहकर उनके जीवन के बारे में समझेंगे,पशु पक्षियों के बारे में तथा पर्यावरण के बारे में विचार करेंगे उन्होंने कहा कि भगवान राम जंगल में साधू-संतों महात्माओं को अभय प्रदान किया।
जटायु जैसे मांसाहारी पक्षी को गोद में उठा कर अन्तिम संस्कार किया। वहीं पिता का अन्तिम संस्कार भरत ने किया।शेवरी जैसे भीलनी के घर जाकर उसके जूठे बेर को स्वीकार किया, और सुग्रीव तथा अन्य वानर भालूओं से मित्रता किये।अतातायी बालि का बध किया और सुग्रीव को किष्किन्धा का राजा बनाया।इसी का अर्थ समाजवाद है जो भगवान राम ने स्थापित किया। इस अवसर पर ब्रह्मऋषि पंडित भोला प्रसाद त्रिपाठी,पं०सुभाष प्रसाद त्रिपाठी, डॉ निर्मला त्रिपाठी, विश्वामित्र त्रिपाठी, रमेश त्रिपाठी, अवधेश त्रिपाठी, ब्रजेश त्रिपाठी, अमरेश त्रिपाठी, गिरिजेश त्रिपाठी, उद्भव त्रिपाठी, शीला त्रिपाठी, श्वेता त्रिपाठी, डॉ शैलेन्द्र कुमार मिश्र, डॉ नीरज पाण्डेय, राजकिशोर पाण्डेय, उमेश तिवारी, प्रदीप दूबे, आलोक चौबे, दिलीप तिवारी, अमित त्रिपाठी, सच्चिदानन्द राय, छोटेलाल, ब्रजेश मिश्रा, अंजन मिश्र, अनूप शुक्ल, सर्वेश दुबे, प्रिन्स दूबे,सत्यांक तिवारी, सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।