झाँसी नगर निगम को टैक्स विभाग की लापरवाही से हुई लाखों की क्षति

साल 2021-22 को लेकर ऑडिट टीम द्वारा पकड़े गए मामलों में गहरी आपत्ति जताई है

Update: 2024-03-19 07:23 GMT

झाँसी: टैक्स विभाग की लापवाही के चलते नगर निगम को लाखों रुपए की राजस्व क्षति पहुंचाने का काम किया गया है. साल 2021-22 को लेकर ऑडिट टीम द्वारा पकड़े गए मामलों में गहरी आपत्ति जताई है. बावजूद इसके नगर निगम ने सम्पत्ति कर वसूली, विज्ञापन ठेको, व्यवसायिक लाइसेंस वसूली व पार्किंग ठेके में बड़े पैमाने पर लापरवाही उजागर हुई है. लापरवाही का आलम यह है कि विद्युत सब स्टेशनों एवं कार्यालयों पर बकाया धनराशि को अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 की मांग में जोड़ा तक नही गया. इतना हीं नहीं विज्ञापन ठेकेदार को ठेके की शर्तों के विपरीत लाभ पहुंचाने का काम किया है. मानक अनुसार स्टॉम्प पर अनुबंध न कराकर ठेकेदार से न तो समय पर रुपया जमा कराया और जीएसटी सहित लगने वाले ब्याज की वसूली न कर नगर निगम को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाने का काम किया है.

नगर निगम टैक्स विभाग जहां कर-करेत्तर में शत-प्रतिशत वसूली कर पीठ-थपथपा रहा है. वहीं ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के साथ ही लापरवाह कार्यशैली से नगर निगम को लाखों रुपए की राजस्व क्षति पहुंचाने का काम कर रहा है. शहर में विद्युत सब स्टेशनों एवं कार्यालयों पर सम्पत्ति कर के नाम पर टैक्स विभाग ने साल 2021-22 में 4,93,64,0 रुपए बकाया दिखाया था. उक्त बकाया की वसूली के बजाए विभाग ने अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में उक्त बकाया धनराशि को नई वसूली में शामिल ही नहीं किया. जबकि शहर में 21 विद्युत सब स्टेशन एवं कार्यालय पर नगर निगम सम्पत्ति कर वसूली करता है. करीब 4,93,64,0 रुपए की नगरिनिगम को पहुंचाई गई क्षति पर ऑडिट टीम ने आपत्ति जताई है. वहीं मेसर्स रामराजा एडवरटाइजर्स को विज्ञापन, यूनीपोल का ठेका जुलाई 2022 को देकर ठेके की शर्तों के विपरीत काम कर प्रीमियम व जीएसटी की धनराशि जमा न कराकर ,,400 रुपए की राजस्व क्षति पहुंचाने का काम किया है. यहीं नहीं ठेकेदार से 5 वर्षों के ठेका देने पर ठेके के मूल्य के 4 प्रतिशत धनराशि के स्टाम्प पेपर पर अनुबंध कराने के बजाए नगर निगम ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाते हुए महज 0 रुपए के स्टाम्प पर अनुबंध करा लिया. इससे नगर निगम को 4,48000 की क्षति पहुंचाने का काम किया. वहीं नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए शासन ने वियरवार,देशी शराब,अंग्रेजी शराब के व्यवसायिक लाइसेंस फीस की वसूली न कर नगर निगम को ,26000 की राजस्व क्षति पहुंचाने का काम किया है. जबकि शहर में प्रति वियरवार/देशी शराब पर 6 हजार एवं अंग्रेजी शराब पर हजार लाइसेंस फीस निर्धारित है.

Tags:    

Similar News