Jhansi: शिक्षा विभाग पिछले एक वर्ष से 1.54 लाख बच्चों की तलाश में
नगर सहित 21 ब्लॉकों को नोटिस जारी
झाँसी: बेसिक शिक्षा विभाग पिछले एक वर्ष से 1.54 लाख बच्चों को तलाश रहा है. ये बच्चे कहां हैं, कैसे हैं... इसकी कोई भी जानकारी शिक्षा विभाग के पास नहीं है. बीएसए ने इन बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नगर सहित 21 ब्लॉकों को नोटिस जारी किया है. इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि इन बच्चों की प्रोफाइल को यू-डाइस पोर्टल पर भरने में विद्यालय संचालकों द्वारा लापरवाही की गई है.
जिले में कक्षा एक से वीं तक संचालित 5143 स्कूलों में पंजीकृत 10.5 लाख बच्चों में 1.54 लाख बच्चों का रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है. इन बच्चों का विवरण देने में असफल हुए संबंधित स्कूलों को शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. नए शासनादेश के अनुसार विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का पेन नंबर (परमानेंट एजुकेशनल नंबर) जारी हो रहा है. यह पेन नंबर जनरेट करने की सुविधा उन्हीं विद्यालयों को मिलेगी जिन्होंने यू-डाइस कोड प्राप्त किया है. कोड प्राप्त करने के लिए बच्चों का पूरा विवरण शिक्षा विभाग के पोर्टल पर दर्ज करना होगा. बार-बार विभाग की ओर से रिमाइंडर के बाद भी लापरवाही बरती जा रही है.
फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक कई विद्यालय जिनमें बच्चों की संख्या मानक से भी कम रहने पर विभागीय मिलीभगत से वह फल-फूल रहे हैं. अब शासन ने इन पर नकेल कसना शुरू कर दिया है.
पेन नंबर ही बच्चों की होगी पहचान: मान्यता प्राप्त शासकीय, अशासकीय, परिषदीय एवं निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का पेन नंबर ही उनकी पहचान होगी. इस व्यवस्था के आने के बाद से बच्चों का नाम एक से अधिक विद्यालयों में दर्ज होने के मामले या फर्जी स्कूलों के संचालन पर रोक लगेगी. स्कूल प्रबंधन द्वारा यू-डायस पर छात्रों का पूरा रिकॉर्ड जैसे आधार कार्ड, माता-पिता का विवरण, कक्षा, सेक्शन आदि दर्ज करना है. जिसके बाद से पेन नंबर जनरेट होगा. स्कूलों को टीसी के साथ पेन देने का आदेश है.
स्कूल खुलने से पहले यू-डायस पोर्टल पर छात्रों की प्रोफाइल अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. लापरवाही करने पर बेसिक स्कूलों के शिक्षकों का वेतन प्रभावित होगा. वहीं निजी स्कूलों की मान्यता भी रद्द हो सकती है.
- रमेन्द्र कुमार सिंह, बीएसए