Greater Noida: 2 किसानो को जेल से रिहा किया गया
इन मांगों को लेकर अंदर बंद हैं 89 किसान
एनसीआर नॉएडा: विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन करने वाले किसान धीरे-धीरे जेल से रिहा किए जा रहे हैं। अब तक सैकड़ों किसानों को जेल से रिहा कर दिया गया है। गुरुवार को भी 2 किसान जेल से रिहा किए गए हैं। लेकिन अभी भी जेल में 89 किसान बंद हैं। बताया जा रहा है कि रिहाई के आदेश के आने के बाद इन किसानों को भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा।
कई किसानों को मिली जमानत: बताया जा रहा है कि जेल में बंद कई किसानों को भी जमानत मिल गई है। लेकिन रिहाई के आदेश जेल नहीं पहुंचे हैं। रिहाई के आदेश पहुंचते ही इन किसानों को भी रिहा कर दिया जाएगा। जिला कारागार जेलर का कहना है कि रिहाई के आदेश मिलने पर किसानों को लगातार जेल से छोड़ा जा रहा है। गुरुवार को भी 2 किसानों को जेल से रिहा किया गया है। अभी जेल में 89 किसान बंद हैं। इनकी रिहाई के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। उनका कहना है कि किसानों का आम कैदियों की तरह की ख्याल रखा जा रहा है।
गांवों में बढ़ाई गई निगरानी: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्रमुख धरना स्थलों और किसानों के गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन सतर्क है। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की टीमें लगातार धरना स्थलों पर गश्त कर किसानों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। जेल प्रशासन और पुलिस के इस रवैये से स्थिति नियंत्रण में है।
इन मांगों को लेकर बंद हैं किसान: बता दें कि कि 10 फीसदी आबादी भूखंड, 64.7 फीसदी बढ़ा हुआ मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग को लेकर किसानों ने 25 नवंबर से महापंचायत शुरू की है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन में हजारों किसान शामिल हुए थे। किसानों ने पहले दो दिन तक ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डालकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद उन्होंने यमुना विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाल दिया। सरकार से वार्ता विफल होने के बाद वे 2 दिसंबर को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। पुलिस ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया और मुख्य सचिव से बात कराने का वादा किया। इसके बाद किसान दलित प्रेरणा स्थल पर धरने पर बैठ गए। लेकिन अगले दिन पुलिस ने 129 किसानों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद बुधवार को किसान बड़ी संख्या में ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर एकत्र होकर महापंचायत करने लगे। यहां से भी बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।