विधानसभा चुनाव में यूपी, पंजाब समेत उत्तराखंड में भाजपा का विरोध करेगी जाट आरक्षण संघर्ष समिति
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड चुनावों में भाजपा का विरोध करेगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड चुनावों में भाजपा का विरोध करेगी। समिति ने जाटों को आरक्षण देने व आंदोलन के दौरान समुदाय के लोगों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की है।
शनिवार को यहां चंडीगढ़ प्रेस क्लब में समिति के राष्ट्रीय संयोजक अशोक बल्हारा ने प्रेस वार्ता में भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के रवैये के खिलाफ रोष जताया। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जाट समाज की बैठक की बात गलत है। उसमें जाट समाज का कोई सदस्य या प्रतिनिधि शामिल नहीं था। यह भाजपा के जाट नेताओं की बैठक थी।
जाट समाज किसी के बहकावे में नहीं आएगा
प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश से बलबीर चौधरी, पंजाब से कमल, बलजिंदर, मनजीत सिंह, जसबीर, राजस्थान से अरविंद चौधरी, हरियाणा से धर्मपाल बडाला, कैप्टन वेद प्रकाश, राजकुमार, काशीराम और चेयरमैन सतीश ने कहा कि जाट समाज किसी के बहकावे में नहीं आएगा। जाट समुदाय केंद्र सरकार से पूरी तरह खफा है। पिछले चुनाव में भी भाजपा ने हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने व केंद्र में ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही थी।
लेकिन, आज तक जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं मिला। उल्टा, हरियाणा में भी जाट समुदाय का आरक्षण खत्म कर दिया गया। केस वापसी के सवाल पर सिर्फ यशपाल मालिक पर दर्ज देशद्रोह का केस खत्म किया गया, दूसरे जाटों पर आज भी हजारों मुकदमे चल रहे हैं। बल्हारा ने कहा कि हरियाणा की खापों के प्रतिनिधियों, अलग-अलग संगठनों और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने विचार-विमर्श कर आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट देने का निर्णय लिया है।