जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने SC में दाखिल की याचिका

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने SC में दाखिल की याचिका

Update: 2022-06-13 14:45 GMT

यूपी में चल रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद (Jamiat Ulema e Hind) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. जमीयत ने कोर्ट से मांग की है कि वह यूपी सरकार को कार्रवाई रोकने का निर्देश दे. याचिका में कहा गया है कि बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के कार्रवाई हो रही है. साथ ही बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की जमीयत ने की है.

जमीयत उलेमा ए हिंद की लीगल सेल के सचिव गुलज़ार अहमद आज़मी के हस्ताक्षर से दाखिल हुई याचिका में बताया गया है पैगम्बर मोहम्मद (Prophet Muhammad Row) के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में 3 जून को कानपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया. उनकी हिंदू समुदाय के लोगों से झड़प हुई. उसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने पथराव किया. लेकिन उसके बाद प्रशासन ने एकतरफा कार्रवाई की. एक वर्ग से जुड़े लोगों के मकानों पर बुलडोज़र चलाए गए.
'जानबूझकर कर एक पक्ष को निशाना बनाया गया'
जमीयत की याचिका में कहा गया है कि बुलडोज़र एक्शन से पहले राज्य के मुख्यमंत्री, एडीजी और कानपुर के पुलिस कमिश्नर ने इसे लेकर बयान दिए. इससे साफ है कि जानबूझकर कर एक पक्ष को निशाना बनाया गया है. यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश (रेग्युलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन्स) एक्ट, 1958 की धारा 10 और उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1973 की धारा 27 का उल्लंघन है. इन कानूनों में किसी निर्माण पर कार्रवाई से पहले उसके मालिक को 15 दिन का नोटिस देने और संपत्ति के मालिक को कार्रवाई रुकवाने के लिए अपील करने के लिए 30 दिन का समय देने जैसे प्रावधान हैं. लेकिन यूपी में उनका पालन नहीं हो रहा है.
याचिका में यह भी कहा गया है देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन (Bulldozer Action) के खिलाफ मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पहले से लंबित है. कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में इस तरह की कार्रवाई पर रोक भी लगाई थी. अब कोर्ट यूपी सरकार को भी निर्देश दे कि वह बिना उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी निर्माण का विध्वंस न करे.

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