गर्भवती व गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले की जांच शुरू

Update: 2023-06-06 10:11 GMT

लखनऊ न्यूज़: एक से दूसरे अस्पताल में दौड़ लगाने में गर्भस्थ शिशु व गर्भवती की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है. सीएमओ के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच कर रही है.

डालीगंज क्रॉसिंग निवासी हलीम की गर्भवती पत्नी जैबा को प्रसव पीड़ा के बाद परिवारीजन अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे. यहां इलाज न होने परमोहिबुल्लापुर स्थित निजी अस्पताल ले गए थे. हालत बिगड़ने पर परिवारीजन ई-रिक्शा से लेकर केजीएमयू के स्त्रत्त्ी एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) ले गए थे. यहां डॉक्टरों ने मृत्यु घोषित कर दिया था.

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है. अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी से रिपोर्ट मांगी गई है. वहीं निजी अस्पताल से इलाज संबंधी दस्तावेज मांगे गए हैं.

बच्चों के टेढ़े पैरों के इलाज में देरी घातक

जन्म के बाद बच्चों के पैरों की भी जांच करानी चाहिए. ताकिसमय पर आंकलन कर इलाज कराया जा सके. आमतौर पर परिवारीजन आठ माह से लेकर एक साल के बच्चे को लेकर अस्पताल आ रहे हैं. शुरुआत में कसरत से इलाज संभव हो सकता है. बाद में प्लास्टर व खास जूते पहनाकर विकृति को दूर करते हैं.य् ाह जानकारी केजीएमयू पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुरेश चंद्र ने दी. विश्व क्लब फुट दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में दीपक कुमार, सिस्टर मधुबाला, संदीप सिंह आदि रहे.

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