Moradabad मुरादाबाद । फर्म में काम करने वाली विधवा के साथ जबरन शादी की जिद पूरी न होने पर महिला को विषैला पदार्थ खिलाकर मारने के आरोप में कोर्ट ने फर्म ठेकेदार को गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट का दोषी पाया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए दोषी पर 54000 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
थाना पाकबड़ा के गांव रतनपुर कला निवासी निरंजन सिंह जाटव ने 17 नवंबर 2014 को मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें बताया था कि उसके छोटे भाई किशन पाल की शादी 15 साल पहले पाकबड़ा जाटव वाला मोहल्ला निवासी युवती के साथ हुई थी। जिससे दो बेटी और एक पुत्र है। भाई की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी अपने बच्चों की देखभाल के लिए दिल्ली रोड स्थित एक पीतल की फर्म में मजदूरी करने लगी। फर्म में ही मुजम्मिल निवासी कैलसा रोड नई बस्ती पाकबड़ा ठेकेदार के रूप में काम करता है। जिसने कई बार मेरे भाई की पत्नी को गलत संबंध के लिए मजबूर किया, लेकिन उसने मना कर दिया और मुझे सारी बात बताई। तब मेरे कहने पर पीड़िता ने अपने माता पिता को यह बात बताई।
तो उन्होंने मुजम्मिल के घर जाकर भविष्य में पीड़िता को परेशान न करने के लिए कहा। लेकिन, मुजम्मिल अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और भोलू से झगड़ा करने लगा धमकी दी कि अगर तुम लोगों ने पीड़िता के साथ मेरा निकाह नहीं कराया तो अंजाम बुरा होगा। 17 नवंबर की सुबह पीड़िता की बेटी मेरे पास आई और बताया कि मुजम्मिल ने मेरी मां को कुछ खिला दिया है, वह रो रही है और उसके मुंह से झाग आ रहे हैं। उसके घर गया तो वह जमीन पर पड़ी थी उसकी मृत्यु हो चुकी थी। इस मामले में थाना पुलिस ने आरोपी मुजम्मिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई एससी एसटी स्पेशल कोर्ट संदीप गुप्ता की अदालत में की गई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता आनन्द पाल सिंह ने बताया कि इस मामले मृतका की पुत्री ने अदालत में आकर गवाही देते हुए बताया कि आरोपी मुजम्मिल लगातार उसकी मां को परेशान करता था और उसके साथ निकाह करना चाहता था, लेकिन उसकी मां मुजम्मिल की बातों का विरोध करती थी। घटना वाले दिन मुजम्मिल सुबह सुबह घर आया था और मेरी मां को कुछ खाने के लिए दिया था, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई। कोर्ट ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आरोपी मुजम्मिल को दोषी क़रार उसे गैर इरादतन हत्या और एससी एसटी एक्ट का दोषी देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर पर 54000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।