इंटरनेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शुभारंभ, वकील और जजों ने कही ये बात
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गोवा में गुरुवार को इंटरनेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शुभारंभ किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया. इस दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया यानी बीसीआई (BCI) के विजन डॉक्यूमेंट का विमोचन भी किया गया. इस दौरान बीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि मौजूदा समय में कानूनी शिक्षा लेकर 85 फीसदी छात्र कॉरपोरेट ज्वाइन करना चाहता है. वे प्रैक्टिस नहीं करना चाहते हैं. थ्योरी और प्रैक्टिल एक-दूसरे से जुड़े हैं और हमने पाया कि 90 फीसदी कॉलेजों में 90 फीसदी छात्र कोर्ट नहीं जाते.
एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि लोगों ने पूछा कि अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी गोवा में क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि गोवा के मुख्यमंत्री ने कानूनी शिक्षा को नए आयाम पर ले जाने के लिए अति सक्रियता दिखाई. साथ ही यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का टूरिस्ट प्लेस है. ऐसे में यह स्थान अंतरराष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के लिए सबसे उपयुक्त है. गोवा सरकार ने इसके लिए जमीन दी है.
बीसीआई चेयरमैन ने कहा कि दुनिया भर के कई देशों के बार काउंसिल मिलकर अंतराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की स्थापना में साथ दे रहे हैं और यह शिक्षा देने वाले भी विश्व के सर्वोत्तम शिक्षक रहेंगे. हम अच्छे वकील और परफेक्ट जज इस यूनिवर्सिटी से देश और दुनिया को देंगे. बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच के जस्टिस एमएस सोनैक ने कहा कि अंतरिक्ष संबंधी कानून को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. एक बेहतर अंतरिक्ष कानून की जरूरत है. मौजूदा समय इसको लेकर शिकायत या आलोचना नहीं किया जा सकता. ऐसे में गोवा इसके लिए सबसे बेहतर स्थान हैं, जहां से इस एक्सरसाइज को निभाया जा सकता है.
इस दौरान जस्टिस एमएम सुंदरेश ने कहा कि तकनीक के साथ कानूनी शिक्षा में भी जरूरी बदलाव की जरूरत है. हमें इस दिशा में विचार करना होगा और हमने अगर बदलाव को नहीं स्वीकार किया तो हम सही शिक्षा नहीं दे पाएंगे. तमाम सवाल हैं जो हमारे सामने खड़े हैं और यही वजह है कि आज का दिन ऐतिहासिक है. जब हमने कानूनी शिक्षा को नए जमाने के साथ जोड़ने को कदम बढ़ा दिया है. इससे सिर्फ कानूनी शिक्षा नहीं, बल्कि देश को भी तरक्की मिलेगी.