उत्तरप्रदेश : ऑडियो में रिश्वत, एसीपी को शराब और मुर्गा देने की बात के बाद सुर्खियों में आए इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्यप्रकाश को निलंबित कर दिया गया है. डीसीपी पूर्वी ने उन्हें जांच के लिए अपने कार्यालय बुलाया. जैसे ही उनसे सादा कपड़े मंगाने के लिए कहा गया वो कार्यालय के बाहर से रफूचक्कर हो गए. उनका मोबाइल बंद हो गया. वहीं दूसरी तरफ ऑडियो में इंस्पेक्टर से बातचीत कर रहे जिला पंचायत सदस्य रामअवतार ने अपने बयान दर्ज कराए. पूरे प्रकरण की जांच एसीपी बाह को दी गई है.
सोशल मीडिया पर 45 मिनट का एक ऑडियो वायरल हुआ था. ऑडियो में वार्ड नंबर 45 के जिला पंचायत रामअवतार और इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्यप्रकाश की बातचीत है. ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई. डीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा ने प्रारंभिक जांच के बाद इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्यप्रकाश को निलंबित कर दिया.
एक माह पूर्व पिढ़ौरा के गांव बरपुरा निवासी मीरा ने गांव के कुछ लोगों के खिलाफ अपने पति पुन्नीलाल की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्यप्रकाश ने मुकदमा खारिज कर दिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण करंट लगना आया था. मुकदमा भी अधिकारियों को गुमराह करके लिखा गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह साफ होने के बावजूद हत्या की धारा के तहत मुकदमा लिखा गया था.
जिला पंचायत सदस्य रामअवतार ने एसपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को बताया कि मुकदमा लिखाने वाली महिला उनकी परिचित है. उन्होंने इंस्पेक्टर ये यह जानने का प्रयास किया था कि मुकदमा क्यों खारिज कर दिया. दो सितंबर को इंस्पेक्टर पिढ़ौरा सत्यप्रकाश उनके घर आए थे. उस दौरान लंबी बातचीत हुई. इसी दौरान बातचीत रिकार्ड की गई थी. बातचीत आमने-सामने बैठकर हो रही थी. किसी मोबाइल में रिकार्डिंग ऑन करके बातचीत को रिकार्ड किया गया.