मेरठ: रिजर्व पुलिस लाइन स्थित पुलिस एसआई क्वार्टर में आधी रात को 32 बोर की देशी पिस्टल की गोली लगने से दारोगा की मौत हो गई। आनन-फानन में परिजन खून में लथपथ दारोगा को लेकर मेडिकल अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुबह घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मौके पर एसएसपी और एसपी सिटी सहित एसपी देहात मौके पर पहुुंचे और परिजनों से जानकारी की।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र रिजर्व पुलिस लाइन में एसआई क्वार्टर हैं। सरदार इंद्रजीत सिंह एल ब्लॉक टाइप थ्री क्वार्टर नंबर-1 में पत्नी नवनीत नीना व दो बच्चों संग रहते थे। परिवार में एक बेटी खुशी 18 वर्ष और बेटा अर्शदीप 15 वर्ष हंै। दारोगा सरदार इंद्रजीत सिंह वर्तमान में सहारनपुर कोतवाली थाना में सरायपुर चौकी इंचार्ज थे। बुधवार सुबह साढ़े 10 बजे वह तीन दिन की छुट्टी लेकर मेरठ पुलिस लाइन स्थित अपने आवास पर आये हुए थे। बुधवार रात करीब दो बजे के आसपास पत्नी नीना और बेटा अर्शदीप व बेटी खुशी एक कमरे में थे।
इंद्रजीत सिंह दूसरे कमरे में थे। इंद्रजीत के कमरे से टीवी की तेज आवाज आने पर बेटे अर्शदीप ने मां से कहा कि मैं पापा के कमरे में जाकर देखता हूं, टीवी बंद करवाता हूं। अर्शदीप ने कमरे के गेट पर जाकर देखा तो वह अंदर से बंद मिला। दूसरे गेट का दरवाजा भी अंदर से बंद था। इंद्रजीत पत्नी नीना और बच्चों ने कमरे के तीसरे गेट पर पहुंचकर दरवाजा खोला। क मरे में जाकर देखा तो इंद्रजीत बेड पर खून में लथपथ हालत में पड़े थे। बेड पर एक पिस्टल भी वहीं पड़ा था। यह देख पत्नी और बच्चों की चीख निकल गई।
नीना ने प्रथम तल पर बने आवास में पड़ोसी एलआईयू में तैनात दारोगा के परिवार को घटना के बारे में बताया। उसके बाद इंद्रजीत की बेटी खुशी ने अपने चाचा नरेंद्र को फोन कर पापा की मौत की सूचना दी। मौत की खबर सुनकर छोटा भाई नरेंद्र कार से करीब साढ़े तीन बजे पुलिस लाइन पहुंचा। आनन-फानन में भाई नरेंद्र और पत्नी इंद्रजीत के शव को लेकर मेडिकल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने इंद्रजीत को मृत घोषित कर दिया।
सुबह करीब 11 बजे के करीब घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी रोहित सिंह सजवाण व एसपी सिटी पीयूष कुमार और एसपी देहात अनिरुद्ध सिंह मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का गहनता से निरीक्षण कर परिजनों से बातचीत की। पुलिस ने मौके से मिले 32 बोर के पिस्टल को कब्जे में लिया है। इंद्रजीत के शव को पुलिस ने मेडिकल मोर्चरी भिजवा दिया। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। बाद में परिजन शव को लेकर ब्रजघाट गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
दांयी कनपटी पर सटाकर मारी गोली: दारोगा इंद्रजीत का शव बेड पर खून में लथपथ हालत में था। दांयी कनपटी पर सटाकर गोली मारी गई थी। पिस्टल 32 बोर भी वहीं पड़ी थी। फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाकर घटनास्थल की जांचपड़ताल कर कमरे के फिं गर प्रिन्टस लिए गये। पुलिस की मानें तो इंद्रजीत की दांयी कनपटी पर सटाकर गोली मारी गई।
बेटी ने नीट की दी थी परीक्षा: इंद्रजीत सिंह दारोगा की बेटी खुशी ने हाल ही में नीट की परीक्षा दी थी। जिसमें वह कुछ नंबरों से ही रह गई थी। इंद्रजीत अपनी बेटी खुशी को डाक्टर बनाना चाहते थे। बेटी को नीट परीक्षा में असफल होने के बाद उसे देहरादून में तैयारी के लिए भेज दिया था। वह देहरादून से बेटी खुशी को लेकर बुधवार को मेरठ घर पहुंचे थे। बेटा अर्शदीप नौवीं क्लास का छात्र है। वह सेंट थॉमस में पढ़ता है।
मेरठ जिले के कई थानों में रही तैनाती: इंद्रजीत मूलरूप से उधम सिह नगर, बाजपुर, दोराहा, महेशपुरा गांव के निवासी थे। पत्नी नवनीत समीप ही सितारगंज की रहने वाली हैं। वर्ष 1998 में यूपी पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। उसके बाद बुलन्दशहर जिले में आरक्षी के तौर पर कई थानो में रहे। वहीं वर्ष 2013 में सब इंस्पेक्टर बन गये।
मेरठ के मवाना थाने में छोटा मवाना चौकी प्रभारी, टीपीनगर, जानी थाना में सब इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात रहे। करीब चार साल पहले मेरठ में ही पुलिस लाइन में एसआई क्वार्टर में आवास मिल गया था। तभी से परिवार सहित यहां रह रहे थे। करीब एक साल पहले ही इंद्रजीत का सहारनपुर में ट्रांसफर हो गया था। जिसमें वह सहारनपुर कोतवाली की सरायपुर चौकी थाने में प्रभारी के रुप में तैनात थे।
इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग की थी: दारोगा इंद्रजीत सिंह का हाल ही में प्रमोशन के तौर इंस्पेक्टर की लिस्ट में नंबर आ गया था। कुछ समय पहले ही इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग की थी, लेकिन अभी इंस्पेक्टर नहीं हुए थे।
हंसमुख स्वभाव और व्यवहार कुशल थे: पुलिस लाइन में एसआई क्वार्टर के आसपास पुलिस परिवारों ने बताया कि इंद्रजीत हंसमुख और व्यवहार कुशल थे। अक्सर जब भी घर आते तो सभी से दिल से मिलते थे। दोस्तों ने भी बताया कि दिल से बड़े और दोस्तों के लिए हर समय तैयार रहने वाले इंसान थे। लेकिन शराब के शौकीन थे। रोज शाम के वक्त पीने की आदत थी।
इंद्रजीत सिंह ने खुद को गोली से उड़ाया: एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह ने बताया कि दारोगा इंद्रजीत सिंह ने खुद को गोली मारकर सुसाइड किया है, लेकिन सर्विस रिवाल्वर सहारनपुर थाने में जमा करके आये थे। मौके पर जो 32 बोर पिस्टल मिली है। उसकी जांचपड़ताल की जा रही है। प्रथमृष्टया इंद्रजीत ने खुद पिस्टल से दांयी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
कई मोबाइल नंबर की जांच पड़ताल: पुलिस दारोगा आत्हत्या मामले में पूरी तरह जांच पड़ताल में जुट गई है। पुलिस ने परिवार सहित कई मोबाइल नंबर को भी जांच पड़ताल में शामिल किया है। पुलिस ने इंद्रजीत के छोटे भाई नरेन्द्र सिंह जो कि यूपी पुलिस नोएडा सेक्टर-20 में हेड कांस्टेबल है। उसका मोबाइल नंबर भी लिया है।
पिस्टल कहां से आई सबसे बड़ा सवाल: पुलिस का कहना कि इंद्रजीत ने पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या की है, लेकिन वह 32 बोर का पिस्टल कहां से आया। यह सवाल संदेहजनक है। चूंकि इंद्रजीत अपना सर्विस नाइन एमएम पिस्टल थाना सहारनपुर कोतवाली में ही जमा करके आये थे, लेकिन 32 बोर का पिस्टल उनके पास कहां से आया। जो उनके शव के पास मिला है। पुलिस ने गहनता से जांच पड़ताल कर पिस्टल को भी जांच के लिए कब्जे में ले लिया है।
पत्नी नीना पीसीएस जे की कर रही तैयारी: इंद्रजीत की पत्नी नीना ने एलएलबी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पीसीएस जे की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। 12 फरवरी को नीना की पीसीएस जे की परीक्षा है।
शुक्रवार को सभी को जाना था शादी में: छोटे भाई नरेन्द्र ने बताया कि शुक्रवार को एक रिश्तेदारी में शादी थी। सभी को शादी मे जाना था। जिसके चलते वह तीन दिन की छुट्टी लेकर घर आये थे। सब कुछ ठीक ठाक था। आसपास के लोगों ने बताया बुधवार रात दस बजे के आसपास दोनों पति पत्नी संग बाहर टहल रहे थे। ऐसा लगता नहीं था कि ऐसा हो जायेगा।