उद्योग की जमीन पर मकानों की जांच

चेंबर की ओर से भी जताया जा चुका है विरोध

Update: 2023-09-14 05:59 GMT

गोरखपुर: बरगदवा स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में औद्योगिक भूखंड पर आवासीय मकान और निजी गोदाम बनाने के मामले में कमिश्नर ने सिटी मजिस्ट्रेट को टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने 15 दिन के अंदर रिपेार्ट मांगी है. इस आदेश के बाद से आवंटियों में हड़कंप मच गया है. मामले की शिकायत बरगदवा क्षेत्र के विजय कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री, कमिश्नर और जिलाधिकारी से शिकायत की थी.

इंडस्ट्रियल एरिया में करीब चार दशक पहले औद्योगिक विकास के लिए भूखंड का आवंटन हुआ था. इनमें से ज्यादातर भूखंड पर फैक्ट्रियां स्थापित हैं. लेकिन आधा दर्जन से अधिक भूखंड ऐसे हैं, जिनपर फैक्ट्री नहीं स्थापित हुई. कुछ भूखंड ऐसे भी हैं, जिनपर शुरुआत में फैक्ट्री का संचालन हुआ, लेकिन बाद में बंद हो गई. अब कुछ भूखंड पर लोग आवास बनाकर रह रहे हैं, तो वहीं कुछ भूखंड खाली पड़े हैं. इसे लेकर विकास नगर निवासी विजय कुमार मिश्रा ने मुख्यमंत्री, कमिश्नर से लेकर जिलाधिकारी से शिकायत कर जांच की मांग की है. विजय मिश्रा का आरोप है कि औद्योगिक विकास के लिए आवंटित भूखंड पर कुछ लोग आलीशान मकान बनाकर रह रहे हैं. जबकि इन्होंने उद्योग लगाकर युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था. कुछ ने तो गोदाम बना लिया है. जो पूरी तरह गलत है. विजय ने दो उद्यमियों का नाम भी शिकायती पत्र में लिखा है, जिन्होंने औद्योगिक भूखंड पर प्राइवेट मकान और गोदाम बना लिया है. कमिश्नर ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को टीम गठित कर जांच रिपोर्ट 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

चेंबर की ओर से भी जताया जा चुका है विरोध

इंडस्ट्रियल एरिया में ऐसे ही एक मामले में चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की तरफ से भी विरोध दर्ज कराया जा चुका है. उद्योग के लिए आवंटित कई एकड़ जमीन का भूप्रयोग बदलने के प्रयास का मामला उजागर करते हुए चेंबर ने जांच की मांग की थी. मुख्यमंत्री से लेकर औद्योगिक आयुक्त के संज्ञान में मामला आने के बाद भू-प्रयोग बदलने का खेल पर अंकुश लग गया. बहरहाल, मामला ठंडे बस्ते में चला गया है.

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