चित्रकूट के इस गांवों में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग, दूर से लाने में पैरों में पड़ जाते हैं छाले

उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में लोग इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से परेशान हैं.

Update: 2022-05-18 02:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में लोग इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से परेशान हैं. बांदा चित्रकूट धाम मंडल के मानिकपुर तहसील में भी तापमान भयंकर रूप से बढ़ा हुआ है (Banda Weather). यहां भीषण गर्मी से जूझ रहे मानिकपुर तहसील के पठा छेत्र के लोगों के पैरों में छाले पड़ जा रहे हैं. पीने के पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम मचा हुआ है (Water Crisis in Banda). इस बीच ब्लॉक क्षेत्र के 24 गांव में पानी की विकराल समस्या है. इन गांव में हैंडपंप जवाब दे चुके हैं. लोग टैंकर आने की राह सुबह से देखते नजर आते हैं. हालात यह है कि पानी का टैंकर आते ही लोग बाल्टी और डिब्बे लेकर टूट पड़ते हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जिम्मेदारों को भी पानी की समस्या बताई गई फिर भी समस्या दूर नहीं हुई.

बुंदेलखंड का सबसे पिछड़ा क्षेत्र आदिवासी बहुल ब्लाक मानिकपुर के गांव में पक्षी और आम लोग पेयजल के लिए परेशान हैं. इलाके के भौठी, हरिजनपुर, केकरामारा, टिकुरी, खादरा इलाहा, हरिया अमरपुर, पत्रकारपुरम, गढ़वा, भैरव पुरवा, सरहद रानीपुर के कछार बस्ती, नई बस्ती दीपू अमचूर निरहुआ पाटिल मनगवां कटरा सकरौहां में पानी की विकराल समस्या है. गर्मी आते ही पानी का स्रोत निकलना बंद हो जाता है. कई गांव में टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है, हैंडपंपों में सबमर्सिबल डलवा दिए गए हैं लेकिन बिजली कटौती के चलते पानी के लिए भारी संकट बना हुआ है. पानी ना होने से परिवार का एक सदस्य पानी के लिए पूरा दिन भर समय देता रहता है. वहीं गांव बलिया में पेयजल समस्या चरम पर है जहां पर लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं.
41 ग्राम पंचायतों में टैंकरों के जरिए की जा रही जल आपूर्ति
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि जिम्मेदारों को भी पानी की समस्या बताई गई फिर भी समस्या दूर नहीं हुई. गांव के कल्लू, मनवा, भैयालाल तेरसिया, फुलवा आदि का कहना है कि वह पानी की समस्या से परेशान है. 41 ग्राम पंचायतों में इन दिनों टैंकरों के जरिए जल आपूर्ति की जा रही है. इनमें 17 ग्राम पंचायतों में 33 एवं अन्य पंचायतों में दो दो चक्कर रोजाना टैंकर से पानी भेजा जा रहा है. दूर से ही टैंकर नजर आने पर लोग बाल्टी और डिब्बे लेकर दौड़ पड़ते हैं. महिला व पुरुष के अलावा छोटे-छोटे बच्चे भी पानी के लिए टैंकर के पास जमवाड़ा लगाते हैं.
बांदा जिले में भूगर्भ जल वैज्ञानिक के अनुसार जल स्रोत टूटने से जलस्तर तेजी से घट रहा है. हाल ही में बताया गया था कि सैंड माइनिंग माफिया यहां खूब अवैध खनन कर रहे हैं जिसके चलते जलस्तर में गिरावट आ रही है, तालाब और पोखर सूख गए हैं. यहां सबसे ज्यादा खराब स्थिति पलानी तिंदवारी कनवाड़ा तिंदवारी क्षेत्र की है. यहां का जलस्तर तेजी से गिर रहा है.
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