बीते साढ़े तीन माह में 328 अभियुक्तों को मिला आजीवन कारावास की सजा

प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अपराध पर अंकुश लगाने में कामयाब रही है

Update: 2022-07-22 17:22 GMT

लखनऊ,। प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत अपराध पर अंकुश लगाने में कामयाब रही है। वहीं, प्रभावी पैरवी करते हुए अपराधियों को सजा दिलाने में भी अव्वल है। इस साल साढ़े तीन माह से अधिक की अवधि में पाॅक्सो अधिनियम, महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों के साथ-साथ अन्य अपराधों में प्रभावी पैरवी के माध्यम से अभियुक्तों को सजा दिलाने में सफलता मिली है।

गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई तक लगभग साढ़े तीन माह में 328 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 594 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक एवं 1834 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलायी गई है।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि माफिया एवं अपराधियों के मामलों में प्रभावी पैरवी कर कठोर सजा दिलायी है। इसके फलस्वरूप जनपद बिजनौर में अभियुक्त मुनीर को एक वाद में 10 वर्ष के कठोर कारावास, एक लाख रुपये के अर्थदण्ड तथा एक अन्य वाद में मृत्युदण्ड व एक लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया है।
इसी प्रकार जनपद आजमगढ में अभियुक्त ध्रुव सिंह उर्फ कुण्टू सिंह को एक वाद में दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से एवं एक अन्य वाद में आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि इस अवधि में पाॅक्सो अधिनियम के अन्तर्गत प्रभावी पैरवी के लिए विशेष प्रयास किये गए, जिसके सार्थक नतीजे सामने आये हैं। पाॅक्सो अधिनियम के मामलों में लगातार व संघन पैरवी के फलस्वरूप एक माह की अवधि के भीतर 14 प्रकरणों में अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है। इसके तहत जनपद अमरोहा के 03 वादों, जनपद अम्बेडकर नगर के 04 वादों, आजमगढ़ व कानपुर नगर के 2-2 वादों तथा बदायूॅ, बरेली, एवं श्रावस्ती जनपदों में 1-1 वाद में अभियुक्तों को सजा दिलाने में सफलता मिली है।
अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन श्री आशुतोष पाण्डे ने बताया कि पाॅक्सो न्यायालयों में इस वर्ष विगत 25 मार्च से 16 जुलाई तक की अवधि में प्रदेश में 892 अभियुक्तों को सजा करायी गयी, जिनमें से 145 को आजीवन कारावास, 291 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा तथा 456 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी है।
पाॅक्सो अधिनियम में सबसे अधिक 16 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा वाराणसी जनपद में करायी गयी है। दूसरे स्थान पर जनपद लखनऊ रहा जहां 08 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। तीसरे स्थान पर जनपद चन्दौली, रायबरेली व शामली रहे जहां 06-06 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है। दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में भी वाराणसी को सर्वाधिक सफलता मिली है जहां 23 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है। इसी प्रकार 13 अभियुक्तों को सजा कराकर बरेली दूसरे स्थान पर तथा 12 अभियुक्तों को सजा करा कर आगरा तीसरे स्थान पर रहा है। 10 वर्ष से कम सजा कराने में भी जनपद वाराणसी अग्रणी रहा है जहाॅ सर्वाधिक 34 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है। 25 अभियुक्तों को सजा दिलाकर जनपद बरेली दूसरे स्थान पर तथा 16 अभियुक्तों को सजा दिलाकर गाजीपुर तीसरे स्थान पर रहा है।
श्री आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि महिलाओं के विरूद्ध लैंगिग, बलात्कार व अन्य गम्भीर अपराधों में 1864 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है, इसमें 183 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 303 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा एवं 1378 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी।
इस अभियान में सबसे अधिक 17 अभियुक्तों को आजीवन कारावास कराने वाले जनपद जौनपुर है, दूसरे स्थान पर संत कबीरनगर में 12 तथा तीसरे स्थान पर जनपद अलीगढ़ व उन्नाव में 11-11 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी है। दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में जनपद फतेहपुर में सर्वाधिक 19 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है। इसके तहत दूसरे स्थान पर वाराणसी तथा सीतापुर रहा, जहां 17-17 अभियुक्तों को तथा तीसरे स्थान पर जनपद बदायूं रहा, जहां 13-13 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी। दस वर्ष से कम सजा कराने वाले जनपदों में जनपद गाजीपुर सर्वोच्च स्थान पर रहा है जहां सर्वाधिक 73 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। 68 अभियुक्तों को सजा दिलाकर जनपद सीतापुर दूसरे स्थान पर तथा 51 अभियुक्तों को सजा दिलाकर जनपद इटावा तीसरे स्थान पर रहा है।
श्री पाण्डेय ने बताया कि आयुध अधिनियम के कुल 2672 वादों का निस्तारण कराया गया, जिसमें सर्वाधिक 122 वादों का निस्तारण जनपद मुरादाबाद द्वारा कराया गया है। उल्लेखनीय है कि अभियान के पूर्व आयुध अधिनियम में सजा कराने का प्रतिशत 88 था, जो अब बढ़कर 93 प्रतिशत हो चुका है।
अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन ने बताया कि इस वर्ष 01 जनवरी से 31 मार्च तक महिला सम्बन्धी अपराधों के लिए 05 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 192 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 265 अभियुक्तों को दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 843 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है।
मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत 6211 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी है, जिनमें 36 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 1296 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 1203 अभियुक्तों को 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक का कारावास तथा 3676 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया।
यह भी उल्लेखनीय है कि मिशन शक्ति फेज-1 एवं फेज-2 की अवधि में (17 अक्टूबर 2020 से दिनांक 31 मार्च 2021 तक) कुल 12 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 506 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 456 अभियुक्तों को दस वर्ष या दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 1285 अभियुक्तों को दस वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है। मिशन शक्ति फेस-3 (21 अगस्त 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक) में कुल 19 अभियुक्तों को मृत्यु दण्ड, 598 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 482 अभियुक्तों को दस वर्ष या दस वर्ष से अधिक का कारावास तथा 1548 अभियुक्तों को दस वर्ष से कम के कारावास से दण्डित कराया गया है।

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