अलीगढ़ जिले में शिक्षकों ने अ से अनार पढ़ाते हुए 12 क्विंटल आलू पैदा कर दिए
अलीगढ़ : अलीगढ़ जिले में एक ऐसा विद्यालय है, जहां प्रधानाध्यापक और शिक्षकों ने अ से अनार पढ़ाते हुए 12 क्विंटल आलू पैदा कर दिए। यह शिक्षक इससे पहले मिर्च, बैंगन, प्याज, लहसुन और धनिया भी पैदा कर चुके हैं। खास बात ये है कि शिक्षकों ने खेती करने के लिए जेब से हजारों रुपये खर्च भी कर दिए। ये सराहनीय पहल टप्पल ब्लॉक के संविलयन विद्यालय ऊंटासानी में हुई है। डीएम, सीडीओ और बीएसए ने अब पूरे जिले में इस स्कूल का उदाहरण देना शुरू कर दिया है।
इस स्कूल के किचन गार्डन में जैविक खाद की मदद से उगी सब्जियों को दोपहर में मिलने वाले मध्याह्न भोजन में पकाया जाता हैं। आलू को क्रम के अनुसार सब्जी और तहरी में प्रयोग किया जा रहा है। इस बार यहां की पौन बीघा जमीन पर आलू की पैदावार की गई थी, जिसे शीत भंडारण गृह सिमरौठी में रख दिया गया है, ताकि साल भर विद्यार्थी इन्हीं आलूओं का सेवन कर सकें।
स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाने के साथ प्रधानाध्यापक, शिक्षक और शिक्षामित्र खेत में एक साथ काम करते हैं। इस विद्यालय की तकरीबन पौना बीघा जमीन पहले बेकार पड़ी थी। जिसको प्रधानाध्यापक देवदत्त शर्मा ने किचन गार्डन के लिए प्रयोग किया। इसके लिए शासन से उन्हें पांच हजार रुपये मिले थे। जिससे उन्होंने शुरुआत की थी। पैसे कम पड़े तो जेब से लगाए। जैविक खाद का प्रयोग किया। हरी मिर्च, बैंगन, हरी प्याज, लहसुन, धनिया उगाने के बाद आलू उगाया। 24 कट्टे आलू को शीत गृह में रखवा दिया गया है, जो कुल 12 क्विंटल होता है। हर महीने 50 किलो आलू विद्यालय लाया जाएगा।
स्कूल के खेत में उगाई गईं सब्जियां विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन में खिलाई जा रहीं हैं, जिसमें सब्जी और तहरी देनी होती है। इसमें आलू का इस्तेमाल किया जा रहा है। फसल में करीब 20 हजार रुपये की लागत आती है। मैं 15 हजार और मेरे बेटे इंजी. पारस शर्मा पांच हजार रुपये देते हैं। शिक्षण कार्य खत्म होने के बाद सब मिलजुल कर खेती करते हैं।