शहर में हॉस्पिटल के बाहर बनी अवैध पार्किंग, रहता है हर समय जाम

Update: 2022-12-02 10:17 GMT

मेरठ: सड़कों पर पार्किंग शहर की लाइलाज बीमारी बन गई है। इस बीमारी का आॅपरेशन करने की हिम्मत जिम्मेदार अधिकारी नहीं दिखा पा रहे हैं। यही वजह है कि शहर में अवैध पार्किंग से जाम की बड़ी समस्या पैदा हो गई है। दावे तो नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण शहर में बने कॉम्प्लेक्स की पार्किंग के करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि शहर में बड़े-बड़े कॉम्प्लेक्स तो बन गए हैं, लेकिन उनकी पार्किंग सड़क पर हो रही है। बहुत सारे हॉस्पिटल शहर में बने हुए हैं, जिनकी पार्किंग तक सड़क पर हो रही है। इसके लिए जिम्मेदार नगर निगम और मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

हॉस्पिटल के बाहर सड़क पर वाहनों की पार्किंग से जो जाम की समस्या बनी है, उससे मुक्ति दिलाने का कोई रास्ता नगर निगम अख्तियार नहीं कर रहा है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर अभियान की खानापूर्ति तो की जा रही है, लेकिन हॉस्पिटल के बाहर जो पार्किंग है, उसको कौन खत्म करेगा? क्या सड़कों पर वाहनों की पार्किंग करने की नगर निगम ने अनुमति दी है। यदि निगम ने अनुमति नहीं दी है तो फिर सड़कों पर वाहनों की पार्किंग क्यों होने दी जा रही है? इसके लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। 'जनवाणी' ने ग्राउंड स्तर पर शहर के हॉस्पिटल का मौके पर जाकर देखा तो ज्यादातर हॉस्पिटल के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। हॉस्पिटल में आने वाले तीमारदारों के वाहन सड़क पर खड़े कर दिए जाते हैं, जिसके चलते जाम से जनता को रूबरू होना पड़ता है। बड़ा सवाल यह है कि अवैध पार्किंग पर नगर निगम की चाबुक चलनी चाहिए , लेकिन निगम कर्मचारियों के लिए यह अवैध पार्किंग अवैध वसूली करने का अतिरिक्त स्रोत बन गए हैं। यही वजह है कि अवैध पार्किंग को हटाया नहीं जा रहा है। नगर निगम के अधिकारी भले ही ईमानदारी का ढोल पीट रहे हो, लेकिन सड़कों से अवैध पार्किंग को नहीं हटाया जा रहा हैं।

आप अवैध पार्किंग के लिए तत्कालीन नगर आयुक्त मनीष बंसल ने अभियान चलाया था, जिसमें पांच एफआईआर कराई, लेकिन इसके बाद कुछ समय तक अवैध पार्किंग शहर में बंद हो गई थी, लेकिन फिर से वर्तमान में अवैध पार्किंग का धंधा खूब फल फूल रहा है। नगर निगम के अधिकारी भी आंखें बंद किए बैठे है। क्या अवैध पार्किंग के नाम पर वसूली करने वालों पर नगर निगम की गाज गिरेगी या फिर इसी तरह से नगर निगम और अवैध पार्किंग का खेल खेला जाता रहेगा। मृत्युजंय हॉस्पिटल की बिल्डिंग का कुछ हिस्सा अवैध बना दिया हैं, इसका मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। बिल्डिंग पर सील भी लगी थी। फिर भी अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। लोकप्रिय हॉस्पिटल की सड़क पर पार्किंग होती हैं, जिसके चलते यहां पर जाम की समस्या बनी रहती हैं। अवैध पार्किंग लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई हैं। इस समस्या से जनता को राहत देने के लिए कोई कदम नगर निगम नहीं उठा रहा हैं।

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