आगरा: सड़क हादसों को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है. इसलिए ब्लैक स्पॉट तलाशकर उनके समाधान की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं. इसके लिए आईआईटी दिल्ली और बीएचयू की मदद ली जा रही है. आईआईटी टीम इनका अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी जिसके आधार पर ब्लैक स्पॉट समाप्त किए जाएंगे.
शासन के निर्देश पर वर्ष 2021-22 में ब्लैक स्पॉट का पता लगाया गया था. प्रदेशभर में करीब 567 ब्लैक स्पॉट खोजे गए थे. इनके सुधार के लिए आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बीएचयू से सेफ्टी आडिट कराया जा रहा है. इसके लिए प्रदेश सरकार आईआईटी को करीब 96.13 लाख रुपये का भुगतान करेगी.
उप सचिव उत्तर प्रदेश शासन राज कुमार ने पत्र जारी करके लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंताओं और विभागाध्यक्षों को रोड सेफ्टी आडिट के विषय में जानकारी देते हुए आडिट प्रक्रिया को पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं.
पिछले डेढ़ वर्ष में शहर में हुए हादसे
शहर में ब्लैक स्पॉट की वजह से बड़ी संख्या में हादसे होते हैं. पिछले करीब डेढ़ वर्ष के अंदर जिले में हुए कुछ प्रमुख हादसों पर नजर डालें तो बड़ी संख्या में लोगों की जान जा चुकी है. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक सिकंदरा - 135, खंदौली - 99, एत्मादपुर - 96, मलपुरा - 81, ताजगंज - 80, एत्माद्दौला - 65, अछनेरा - 62, सदर बाजार - 60, डौकी - 60, सैंया - 57, फतेहाबाद - 49, जगदीशपुरा - 48, फतेहपुर सीकरी - 45, हरीपर्वत - 34 हादसे हुए हैं.
आगरा खंड में हैं करीब 52 ब्लैक स्पॉट
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 2021-22 में चिह्नित किए ब्लैक स्पॉट में आगरा निर्माण खंड की सीमा में करीब 52 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए थे. इनमें से करीब 16 पर विकास प्राधिकरण ने काम भी किया था. आईआईटी के अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष प्राप्त होगा उसके आधार पर इन्हें समाप्त करने की योजना पर काम किया जाएगा.
लोक निर्माण विभाग ने जिले में ऐसे ब्लैक स्पॉट पर लगातार काम किया है. अब शासन स्तर पर आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बीएचयू के माध्यम से भी सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर और भी कार्य किए जाएंगे.
आनंद कुमार, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग आगरा