लखनऊ न्यूज़: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने आंदोलनकारियों को स्पष्ट कर दिया कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न करने व आमजन को परेशानी पैदा करने वाले या कानून हाथ में लेने वालों से अब सख्ती से निपटा जाएगा. शर्मा ने कहा कि दिसंबर 2022 में हुए समझौते पर काफी कुछ कार्य किया जा चुका है. इसमें कार्मिकों की एसीपी के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन, कैशलेस इलाज की व्यवस्था का अनुमोदन, कर्मियों को एक वर्ष का बोनस आदि की कार्रवाई शामिल है. उन्होंने कहा कि कुछ गिने-चुने संगठनों द्वारा हड़ताल व कार्य बहिष्कार की बात करना राजनीति से प्रेरित है.
आफिसर्स एसोसिएशन संभाल रही जिम्मेदारी उधर, पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने अवधेश वर्मा के नेतृत्व में ऊर्जा मंत्री से भेंट कर आश्वस्त किया कि उनका संगठन हड़ताल में शामिल नहीं है.
कई विभागों के कर्मचारियों को लगाया विभाग ने शक्ति भवन के साथ ही डिस्कॉम स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. जरूरत पड़ने पर कार्यदायी संस्थाओं, तकनीकी विभागों के कार्मिकों एवं विद्युत निगमों के सेवानिवृत्त अधिकारियों की भी सेवाएं लेने की तैयारी है. हड़ताल के दौरान छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने 112 दिन बीत जाने के बाद भी कोई पहल नहीं की गई है. ऊर्जा निगमों की हठधर्मिता के चलते हड़ताल पर जाने को बाध्य हैं. वहीं डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बिजली कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल न होने की अपील की है.