हरदोई। अपर सत्र न्यायाधीश सत्यदेव गुप्ता ने आत्महत्या के लिए विवश करने पर पति को सात वर्ष की सजा सुनाई है। साथ ही 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर तीन माह की अधिक सजा भुगतनी होगी।
कस्बा व थाना के निवासी नरेंद्र ने कोर्ट में वाद दायर कर बताया था कि उसकी बेटी छोटक्की की शादी कछौना के विमलेश के साथ 2015 में हुई थी। शादी के बाद से ही विमलेश,व उसके पिता श्रीपाल अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर आए दिन उसकी बेटी को मारते पीटते थे।उसकी बेटी ने कई बार इस संबंध में सूचना दी लेकिन प्रार्थी अपनी बेटी को समझाता बुझाता रहा लेकिन आरोपी नहीं माने। आठ नवंबर 2015 को सूचना मिली कि उसकी बेटी को अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर आरोपियों ने मार डाला है। इस घटना की सूचना संबंधित थाने में करने गया था लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी। जिसके बाद उसने न्यायालय में वाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी।
न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने विमलेश, श्रीकांत के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे राकेश कुमार बाजपेई की दलीलों को सुनने के बाद जज ने विमलेश को आत्महत्या के लिए विवश करने का दोषी मानते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई है।