दहेज हत्या के दोषी पति को मिला दस साल की कैद की सजा

Update: 2023-01-21 16:05 GMT
मुरादाबाद । निकाह के महज तीन साल बाद ही महिला ने अपने सुसराल वालो से तंग आकर आत्महत्या का रास्ता चुन लिया था।मृतका के पिता की तहरीर पर मुक़दमा दर्ज होने के बाद अदालत ने दोषी करार दिए गए पति को दस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ उस पर आठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।थाना गलशहीद क्षेत्र के रहने वाले मोहम्मद दिलशाद पुत्र यामिन ने बहुत ही हर्षोल्लास के साथ अपनी बेटी रशीदा उर्फ भूरी का निकाह लंगड़े की पुलिया सीधी सराय के रहने वाले फैजान पुत्र अकरम के साथ किया था।
दिलशाद ने थाना गलशहीद मे 16 अगस्त 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें उसने कहा कि उसकी बेटी को आए दिन पति फैजान ससुर अकरम, जेठ जीशान दहेज के लिए परेशान करते और उसे मारते पीटते थे।इससे तंग आकर रशीदा ने 16 अगस्त 2016 की शाम फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसकी सूचना हमे पड़ोसियों के द्वारा मिली। इस मामले में पुलिस ने आरोपित पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और फैजान के खिलाफ ही आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया। मुक़दमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या प्रथम योगेंद्र चौहान की अदालत में की गई।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक यादव ने बताया कि मुकदमे में मृतका की मौसी मुमताज पत्नि रईस जो कि मृतका की सुसराल के पास ही रहती है उसने अपने बयानों में निकाह से लेकर घटना के बीच की सारी बात अदालत में बताई जिसे बचाव पक्ष भी झुठला नहीं सका। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर फैजान को दहेज हत्या का दोषी करार देते हुए उसे दस साल के कठोर कारावास की सजा के साथ उस पर आठ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है

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