भाकियू की महापंचायत में उमडी भारी भीड़, रालोद विधायक भी पहुंचे

Update: 2023-02-10 13:44 GMT

मुजफ्फरनगर: जीआईसी ग्राउंड में आयोजित भारतीय किसान यूनियन की किसान महापंचायत में भारी भीड़ उमड़ी है। महापंचायत में शामली विधायक प्रसन्न चौधरी व थानाभवन विधायक अशरफ अली खान भी पहुंचे, जिन्हें मंच पर स्थान नहीं दिया गया और मंच के सामने नीचे बैठाया गया है। दोनों विधायकों से भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी मिले। किसानों की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे धरने पर आज किसान मजदूर महापंचायत होने जा रही है, जिसको लेकर किसान सुबह से ही जीआईसी मैदान में चल रहे धरना स्थल पर पहुंचना शुरू किया हुआ है।

किसानों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। किसान ट्रेक्टर-ट्रॉली और अन्य साधनों के साथ धरना स्थल पर पहुंच रहे है। बीते दिवस हुए 1367 करोड़ के गन्ना भुगतान को लेकर धरना स्थल पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि इससे क्या होता है? इतना लेट गन्ने का भुगतान किया गया। गन्ने का भुगतान समय पर होना चाहिए। किसानों को मुफ्त को लेकर राकेश टिकैत बोले कि ये लोग किसानों को बहका रहे हैं। मीटर लगाकर कौन सी बिजली मुफ्त मिलती है। महापंचायत के बाद धरना समाप्त होगा या नहीं, इस पर राकेश टिकैत ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने बस इतना ही कहा कि इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। इसका फैसला महापंचायत में ही होगा।

किसान महापंचायत की वजह से पूरे शहर में जाम की स्थिति है। शहर के महावीर चौक से लेकर प्रकाश चौक, सरर्कुलर रोड, प्रकाश चौक और शिव चौक तक जाम की स्थिति बनी हुई है। जानसठ रोड रेलवे ऑवर ब्रिज तो जैसे ट्रेक्टर-टॉलियों के ही नाम हो गया। पूरे पुल पर टै्रक्टर ही ट्रेक्टर नजर आ रहे हैं।

इसी बीच शहर के मीनाक्षी चौक पर भी कुछ किसानों और भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने जाम लगा दिया। ये लोग बीच सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।

किसान महापंचायत का सबसे ज्यादा असर महावीर चौक, प्रकाश चौक, जीआईसी मैदान, सरर्कुलर रोड और आर्य समाज रोड पर पड़ा है। आर्य समाज रोड के तो ये हालात है कि इस रोड की तमाम दुकानें लाइन से बंद है। देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे लॉकडाउन या कर्फ्यू लगा हो।

जीआईसी मैदान में पिछले 14 दिनों से किसानों का धरना चल रहा है। जीआईसी मैदान में डाली गई किसानों की झोपड़ियों और टेंट-तंबुओं को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानों यहां पर किसान मेला लगा हो।

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