पीडब्ल्यूडी की लापरवाही का खमियाजा कब तक भुगतते रहेंगे हस्तिनापुर खादर के ग्रामीण

Update: 2022-10-19 10:15 GMT

मेरठ न्यूज़: नाव हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों के चेहरों के भाव पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से सवाल कर रहे थे कि आखिर उनकी खता क्या है? क्या शासन प्रशासन की निगाह में यहां के लोगों के जीवन का कोई मोल नहीं है। एप्रोच रोड जुलाई में क्षतिग्रस्त हुई थी। लगभग तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन आज तक भी कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों से सवाल किया जाता है तो वो विजिलेंस जांच का बैरियर बताते हुए अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लेते हैं। वो कहते हैं कि इस पुल पर किए जाने वाले सभी कार्यों (सुरक्षात्मक कार्यों सहित) के लिए हांलाकि 167 करोड़ रुपये का एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि एस्टीमेट के बाद की कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

जब इस पर आला अधिकारियों से सवाल किया जाता है तो वो कहते हैं कि इस पुल निर्माण में देरी के मामले में अभी विजिलेंस जांच चल रही है और जब तक यह पूरी नहीं हो जाती तब तक आगे की कार्रवाई संभव नहीं है। माना नियम, कायदे, कानून सब अपनी जगह ठीक हैं, लेकिन इन सब से परे इंसानियत भी कुछ चीज है। यदि इस प्रकरण पर शासन विशेष साहनुभूति दिखाते हुए इसका बजट रिलीज कर दे तो एक बड़ी आबादी पर मंडरा रहा खतरा टल सकता है। क्योंकि जो विजिलेंस जांच चल रही है उसकी प्रक्रिया बहुत लम्बी है। 2008 से लेकर 2021 के बीच का मामला है। कई लोगों के बयान बाकी हैं, कई का जवाब आना है, कुछ रिटायर हो चुके हैं। कुल मिलाकर जांच लंबी चलने वाली है। ऐसे में अगर विजिलेंस जांच पर ही सब कुछ डिपेंड रहेगा तो फिर कोई भरोसा नहीं कि इस प्रकार की हादसों की पुर्नावृति न हो। शासन प्रशासन को इस मामले में अपनी सोच डेवेलप करनी होगी ताकि लोगों के ऊपर मंडरा रहा खतरा टल सके। विजिलेंस जांच की प्रक्रिया भी तेज करनी होगी और इस पुल के लिए स्वीकृत राशि को भी शीघ्र ही रिलीज करना होगा तभी हम इस प्रकार के हादसों को लेकर बेफिक्र हो सकते हैं।

रिपेयरिंग का पैसा जारी हो चुका है: एचओडी

लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार ने लखनऊ से फ़ोन पर बात करते हुए बताया कि शासन स्तर से लगभग 20 से 25 दिन पूर्व ही एप्रोच रोड की रिपेयरिंग के लिए पैसा सेंक्शन किया गया था। इस पैसे से कितना हुमा यह स्थानीय अधिकारी ही ज्यादा बता सकते हैं।

15 दिसम्बर तक सब कुछ ठीक होगा: चीफ इंजीनियर

पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार के अनुसार 15 दिसम्बर तक हम इतना काम यहां कर देंगे कि कम से कम इस स्थान पर किसी हादसे की नौबत दोबारा नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि हमने यहां काम कराया भी है। लगभग 100 ट्रक पत्थर यहां (नदी) डलवाए गए हैं। बकौल चीफ इंजीनियर वो इस मामले में शासन को हर दो माह बाद पत्र के द्वारा यहां की स्थिति से अवगत कराते रहते हैं कि ताकि यहां की समस्या का स्थाई समाधान जल्द से जल्द हो सके।

ठेकेदार को नोटिस दे चुके हैं: अधिशासी अधिकारी

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एसके सारस्वत कहते हैं कि हम ठेकेदार को नोटिस दे चुके हैं। वो अपनी लागत पर यहां की टूटी एप्रोच रोड का निर्माण कराएगा। हम नदी में पानी कम होने का इंतेजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि दीपावली के बाद नहर में पानी कम हो जाएगा और तभी संबधित ठेकेदार यहां कार्य शुरू करवा देगा। बताते चलेें कि यहां का ठेका जीत कंस्ट्रक्शन कम्पनी के पास है।

मंत्री जी कार्यक्रम में व्यस्त!

इस हादसे पर भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक फौरन एक्शन में आ गए हों, लेकिन विभाग के राज्य मंत्री ब्रजेश सिंह अपने किसी कार्यक्रम में इतने व्यस्त दिखे कि उन्होंने हस्तिनापुर की दुखद घटना पर बात करना तक गंवारा नहीं किया। इस संबध में जब हमने उनसे बात करने की कोशिश की तो उनके पीए सौरभ ने फोन रिसीव किया और कहा कि मंत्री जी किसी कार्यक्रम में व्यस्त हैं वो फिलहाल मीडिया से बात नहीं कर सकते।

Tags:    

Similar News

-->