लखनऊ: लखनऊ के 5 चौराहे और तिराहे पर लगे सिग्नल लाइट और टाइमर भगवान भरोसे चल रहे हैं. वाहनों के ट्रैफिक लोड के आधार पर लाइट और टाइमर सेट नहीं है. इससे चौराहे पर ट्रैफिक लाइट कब रेड और कब ग्रीन सिग्नल हो जाए पता नहीं. यहीं नहीं ट्रैफिक सिग्नल के टाइमर में भी गड़बड़ी सामने आई है.
गड़बड़ी इस लिहाज से है कि ट्रैफिक लोड के हिसाब से टाइमर सेट नहीं किया गया है. लिहाजा 92 सेकेंड के रेड सिग्नल पर 37 सेकेंड का ग्रीन सिग्नल चल रहा है. इससे एक दिशा से निकलने वाले वाहनों के ट्रैफिक दो से तीन बार में चौराहे और तिराहे को पार कर रहे हैं. इससे जाम लग रहा है. लोहिया चौराहा, 1090 के टाइमर खराब थे. अचानक रेड और ग्रीन हो रहे थे.
टाइमर के चलते पॉलीटेक्निक पर फंस रहा ट्रैफिक: लोहिया चौराहे से पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचने पर और मुंशीपुलिया से पॉलीटेक्निक चौराहा पहुंचने पर सिग्नल का टाइमर एक साथ ग्रीन कर देने से पॉलीटेक्निक पर भीषण जाम लग जाता है. यह स्थिति आम तौर पर सुबह साढ़े नौ बजे से साढ़े दस बजे के बीच रहती है. दरअसल, सुबह के समय दोनों दिशाओं से एक ही समय पर 45-45 सेकेंड का ग्रीन सिग्नल लागू है. जिस वक्त पॉलीटेक्निक से मुंशीपुलिया सीधे और दाहिने मुड़ने का सिग्नल होता है उसी वक्त मुंशीपुलिया से गोमती नगर की ओर जाने वालों को भी ग्रीन सिग्नल हो जाता है. इससे गोमती नगर से आने वाले वाहन जब दाहिने मुड़ते हैं और उसी वक्त मुंशीपुलिया से आने वाला ट्रैफिक भी छूट चुका होता है. इससे दोनों ओर का ट्रैफिक जब टकराता है तो व्यवस्था चौपट हो जाती है. जिन वाहनों को हाईकोर्ट-कमता की ओर जाना होता है वह सीधे जाते हैं लेकिन जिन्हें गोमती नगर की ओर जाना है वे वाहन फंस जाते हैं. एक समय पर दो सिग्नल ग्रीन होने से मुंशीपुलिया से अयोध्या रोड और गोमतीनगर जाने वाला ट्रैफिक लोड कई गुना बढ़ जाता है.