अब मौसम के साथ जारी किया जाएगा हीट इंडेक्स

Update: 2023-04-06 14:45 GMT

कानपूर न्यूज़: अक्सर ऐसा होता है कि तापमान अधिक होने के बावजूद गर्मी का अहसास कम होता है. ऐसा भी होता है कि तापमान कम हो, लेकिन गर्मी का अहसास अधिक हो. कभी पसीना निकलते ही सूख जाता है तो कभी पसीना सूखने का नाम नहीं लेता है. ऐसा क्यों होता है, अब तक मौसम का जो पूर्वानुमान बताया जाता है उससे इसका पता नहीं चलता. अब गर्मी के अहसास का पता भी हीट इंडेक्स से चलेगा.

प्रदूषण को मापने के लिए जिस तरह एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को आधार बनाया जाता है, ठीक उसी तरह मौसम में हीट इंडेक्स काम करेगा. यह बता देगा कि कब कितनी गर्मी का अहसास होगा. केवल तापमान के आधार पर गर्मी का आकलन करना बंद हो जाएगा. हीट इंडेक्स शहरवार प्रतिदिन बताया जाएगा. इसमें मौसम से जुड़े सभी बिंदु शामिल होंगे.

ऐसे घोषित किया जाएगा इंडेक्स हीट इंडेक्स घोषित करने के लिए एक विशेष फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है. अधिकतम व न्यूनतम तापमान, नमी का प्रतिशत, वर्षा हुई तो उसे भी शामिल किया जाएगा. इससे गर्मी के अहसास का पता चल जाएगा. उदाहरण के लिए हीट इंडेक्स से जान सकते हैं कि हमें 45 डिग्री की बनिस्बत 37 या 38 डिग्री के तापमान पर क्यों ज्यादा गर्मी लगती है. ऐसे समझ सकते हैं कि अगर किसी दिन तापमान 35 डिग्री है और नमी 70 फीसदी तो हमें उस दिन 50 डिग्री तक की गर्मी का अहसास हो सकता है.

यूरोपीय देशों में बताते हैं फील लाइक

यूरोपीय देशों में एआई के माध्यम से यह बताने का प्रयास होता है कि किसी समय तापमान कितना है लेकिन उसका अहसास कितना है. जैसे तापमान 36 डिग्री, फील लाइक 44 डिग्री. आईएमडी ने इसके लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए), कानपुर से पूरा इनपुट भी मांगा है.

यूरोपीय देशों में हीट इंडेक्स प्रतिदिन का ही नहीं साप्ताहिक या मासिक भी हो सकता है. एक रिपोर्ट में आया है कि मई के अंतिम सप्ताह में तापमान और हीट इंडेक्स के बीच 07 डिग्री का अंतर रहा है. मौसम विभाग इसका एक फॉर्मूला तैयार कर रहा है.

-डॉ. एसएन सुनील पांडेय, सीएसए, कानपुर

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