गर्म हवाओं की गति तेज होने से तपिश अधिक , मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Update: 2024-04-29 08:10 GMT
कानपूर : आने वाले दिनों में लू के थपेड़े और तेज होंगे। भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को कानपुर नगर और देहात समेत बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान वेट बल्ब तापमान का माहौल होने की वजह से जितनी गर्मी होगी, उससे दो-तीन डिग्री अधिक लगेगी। इस माहौल में नमी रहती है, जिससे पसीना नहीं निकलता और अगर निकला भी तो सूखता नहीं है। इससे गर्मी अधिक लगती है।
 सीएसए के मौसम विभाग प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि लू के थपेड़े तेज होने को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार से अलर्ट भी जारी किया है। ऐसी स्थिति में लोग गर्मी से बचाव के लिए एहतियात बरतें और बाहर निकलें तो शरीर को अच्छी तरह ढंक लें। इसके साथ ही पानी पीकर बाहर निकलें और बीच-बीच में पानी पीते रहें। राजस्थान के थार मरुस्थल से होकर आने वाली अरब सागर की हवाओं का रुख और सख्त होता जा रहा है।
हवाएं थार से गुजरते वक्त गर्म हो जाती हैं। इन गर्म हवाओं की गति और तेज हो गई है। डॉ. पांडेय ने बताया कि हवाएं अपनी सामान्य गति से तकरीबन 10 किमी प्रति घंटा तेज गति से कानपुर परिक्षेत्र में आ रही हैं। इसके अलावा हिमालय की तरफ से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं की नमी भी यहां तक आते-आते खत्म हो जा रही है। उत्तर पश्चिमी नम हवाएं थार मरुस्थल की हवाओं से मिलते ही गर्म हो जाती है। इससे रात और दिन दोनों का तापमान सामान्य औसत से अधिक हो गया है।
रविवार को दिन का अधिकतम तापमान सामान्य औसत से 1.8 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है। इसी तरह रात का न्यूनतम तापमान सामान्य औसत से 0.5 डिग्री अधिक हो गया। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पारा आने वाले दिनों में एक से दो डिग्री और बढ़ सकता है। डॉ. पांडेय ने बताया कि इस दौरान ऐसे पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना नहीं है जिनका प्रभाव कानपुर परिक्षेत्र पर पड़े। अगले पांच दिनों में हल्के बादल आ सकते हैं लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। गर्म हवाएं तेज गति से बहती रहेंगी।
पिछले सालों में 28 अप्रैल का अधिकतम तापमान
वर्ष 2019ः 40.4 डिग्री सेल्सियस
वर्ष 2020ः 32.6 डिग्री सेल्सियस
वर्ष 2021ः 42.2 डिग्री सेल्सियस
वर्ष 2022ः 43.2 डिग्री सेल्सियस
वर्ष 2023ः 32.6 डिग्री सेल्सियस
क्या है वेट बल्ब तापमान
अगर थर्मामीटर के बल्ब पर कोई गीला कपड़ा लपेटा जाए तो उसकी रीडिंग कम होने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कपड़ा पारे की गर्मी को सोख लेता है। अगर आसपास की हवा नम हो, यानी उसमें पानी की मौजूदगी हो तो कपड़े से पानी के वाष्पीकृत होने की प्रक्रिया काफी धीमी रहेगी। इससे थर्मामीटर का पारा वहीं का वहीं बना रहेगा। बिल्कुल यही बात इंसानी शरीर पर भी लागू होती है। अगर शरीर के आसपास मौजूद हवा में नमी हो, तो पसीना सूख नहीं पाता है। इससे तापमान कम नहीं हो पाता। सिर्फ पसीना निकलने से ही शरीर ठंडा नहीं रहता। वाष्पीकरण के जरिये शरीर से गर्मी को निकलना चाहिए। हवा में नमी होने पर पसीना निकलता तो है, लेकिन भाप न बनकर शरीर पर ही बना रहता है। इससे तापमान बढ़ने लगता है, जिससे ऑर्गन फेल होने तक का खतरा रहता है। मानव के लिए उच्चतम स्वीकार्य वेट-बल्ब तापमान 35 डिग्री सेल्सियस है। इससे ऊपर जाने पर पसीना वाष्पीकृत होने में समस्या आने लगती है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ने लगता है।
Tags:    

Similar News

-->