रामपुर। भड़काऊ भाषण मामले में आजम खां को निचली अदालत से तीन साल की सजा हो चुकी है। इसके खिलाफ वह सेशन कोर्ट गए थे। जहां से उनकी अपील को एडीजे सात की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था। जबकि दोषसिद्धि पर स्टे की अर्जी को गुरुवार को खारिज कर दिया था। जबकि आजम खां के अधिवक्ता ने सजा को गलत ठहराया था। इस मामले में अभियोजन ने आपत्ति दाखिल करने के लिए 16 नवंबर तक का समय मांगा है। अब 16 नवंबर को सुनवाई होना है।
2019 के लोकसभा चुनाव में आजम खां रामपुर संसदीय सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। उन्होंने 07 अप्रैल 2019 को अपने चुनाव प्रचार के दौरान मिलक कोतवाली क्षेत्र के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था।
आजम खां के भाषण का वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से मिलक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। इस मामले में आजम खां जमानत पर चल रहे थे। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस 21 अक्तूबर को पूरी हो गई थी।
कोर्ट ने फैसले के लिए 27 अक्तूबर की तिथि फैसले के लिए निर्धारित की थी। बृहस्पतिवार को एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) निशांत मान की कोर्ट में सपा नेता आजम खां को दोपहर लगभग दो बजे दोषी करार कर दिया था। बाद में तीन साल की कैद और छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ अपील की गई थी। इस अपील पर अभियोजन पक्ष से आपत्ति दाखिल करने को जवाब मांगा था, अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष रखने के लिए 16 नवंबर तक का समय मांगा है।