अखिलेश यादव, ओवैसी समेत आठ नामजद पर मुकदमे की मांग को लेकर अदालत में सुनवाई आज

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बीच अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ दाखिल आवेदन को प्रकीर्ण वाद में दर्ज करते हुए पोषणीयता पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि नियत कर दी।

Update: 2022-05-26 01:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बीच अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ दाखिल आवेदन को प्रकीर्ण वाद में दर्ज करते हुए पोषणीयता पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि नियत कर दी।

अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अधिवक्ता ब्रजेश मिश्र ने दलीलें रखीं। कोर्ट में आवेदन देकर कहा गया है कि जहां शिवलिंग मिला है, वहां जाकर हाथ पैर धोना, थूकना, गंदा पानी का वहां जाना देखकर काशी व देशवासियों का मन पीड़ा से भर गया, जिससे असहनीय कष्ट है। उन्होंने धार्मिक भावना भड़काने का भी आरोप लगाया है।
आवेदन में यह भी कहा गया आरोपियों की साजिश से स्वयंभू विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कहना श्रद्धालुओं के विश्वास पर कुठाराघात है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान शिवलिंग को लेकर दिया गया बयान हिंदुओं की भावनाओं को आहत करता है। सांसद ओवैसी व उनके भाई लगातार हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वर के खिलाफ अपमानजनक बातें कर रहे हैं।
अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बताया कि इससे पहले पुलिस आयुक्त को आवेदन दिया, कार्यवाही नहीं होने पर अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया। आरोप लगाया गया की पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतजामिया कमेटी, शहर काजी, शहर के उलेमा आदि शामिल हैं। इनके आचरण से हिंदू समाज अत्यधिक मर्माहत है।
मामले में अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत आठ नामजद और दो हजार अज्ञात के खिलाफ खिलाफ धार्मिक भावना भड़काने और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किए जाने का अनुरोध किया गया है।
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