जहरीली शराब से मौत मामले में HC के निर्देश, कहा- मृतकों के परिजनों को सरकार मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार

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Update: 2022-09-02 10:16 GMT
प्रयागराज। एक सितंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में माना है कि जहरीली शराब से मृत्यु के मामलों में सरकार मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार है। अदालत ने आजमगढ़ जिले में घटी एक घटना से जुड़ी याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि आजमगढ़ में जहरीली शराब पीने से 10 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी चली गई थी। रानी सोनकर और दस अन्य लोगों द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा, "प्रथम दृष्टया, उत्तर प्रदेश उत्पाद शुल्क कानून, 1910 के तहत शराब के निर्माण और बिक्री के नियम पर पूर्ण नियंत्रण राज्य सरकार के पास है।"
अदालत ने कहा, "राज्य सरकार मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के प्रावधानों के तहत एक निश्चित राशि उस व्यक्ति के परिजनों को देने के लिए जिम्मेदार है। जिसकी मृत्यु जहर आदि से हुई हो या व्यक्ति स्थायी रूप से अपंग हो गया हो।" इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को निर्धारित करते हुए अदालत ने सोमवार को निर्देश दिया कि सचिव या इससे ऊपर के अधिकारी द्वारा राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए। ग्यारह याचिकाकर्ताओं में से नौ उन पुरुषों की विधवाएं हैं जिनकी मृत्यु लाइसेंसधारी दुकान से खरीदी गई जहरीली शराब पीने से हुई थी। वहीं एक याचिकाकर्ता ने जहरीली शराब पीकर अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी है। यहां यह तथ्य स्वीकारा गया कि इन सभी उपभोक्ताओं ने लाइसेंस धारी दुकानों से शराब खरीदी थी जिन्हें ब्रांडेड शराब के तौर पर लाइसेंसधारकों द्वारा बेचा गया था।
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