हाथरस कांडः आरोपियों और पुलिस टीम के साथ पीड़ित परिवार का भी होगा पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट

उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस कांड में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. अब इस मामले में आरोपियों के साथ-साथ पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा

Update: 2020-10-02 17:55 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| उत्तर प्रदेश के चर्चित हाथरस कांड में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है. अब इस मामले में आरोपियों के साथ-साथ पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा. सरकार ने इस बात का फरमान एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद किया है. यही नहीं हाथरस के पुलिस अधीक्षक, एक डीएसपी और संबंधित थाना प्रभारी को भी सस्पेंड कर दिया गया है.

देर शाम सरकार की तरफ से जारी किए एक प्रेस नोट के माध्यम से इस बात की जानकारी दी गई. ऐसा पहली बार होगा कि किसी मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में अधिकारियों की कार्रवाई को लेकर खासे नाराज थे. इसी वजह से एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलते ही सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है.

इसलिए होगा नारको टेस्ट

इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है. एसआईटी के अलावा शीर्ष स्तर पर यह आदेश हुआ है कि जांच को साइंटिफिक तौर पर भी कराया जाए. यानी जो चश्मदीद हैं, उनके बयानों के अलावा नारको या पॉलीग्राफ टेस्ट कराकर बयानों की सच्चाई परखा जाना जरूरी है. एसआईटी ने यह रिकमेंडेशन सरकार से की है. इसी के आधार पर घटना से जुड़े सभी लोगों का नारको टेस्ट व पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस मामले में कई तरह के वीडियो भी सामने आए हैं और तथ्य भी. इसलिए सभी सबूतों को लेकर साइंटिफिक जांच जरूरी है. यही वजहै कि सरकार ने आरोपियों, पीड़ित परिवार के सदस्यों और पुलिस जांच टीम के सभी कर्मियों का नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के आदेश किए हैं.

ये अधिकारी हुए निलंबित

इस घटना से नाराज मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक यानी एसपी विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम शब्द और संबंधित थाने के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह को निलंबित किया गया है. इससे पहले खबर आई थी कि हाथरस के जिलाधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन फिलहाल उनका नाम लिस्ट में नहीं है.

इस पूरे प्रकरण में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी विक्रांत वीर ने जिस तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया, उसके बाद से ही वो निशाने पर थे. हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने ही गंभीर आरोप भी लगाए हैं. पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप भी लगाया है.

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