यूपी के स्‍टूडेंट्स को राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल ने सौंपा बड़ा काम, गांव-गांव से लाएंगे सरकारी योजनाओं का सही हाल

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज के स्‍टूडेंट्स को बड़ा काम सौंपा है।

Update: 2022-08-20 05:11 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटीज के स्‍टूडेंट्स को बड़ा काम सौंपा है। उन्‍होंने निर्देश दिए हैं कि सभी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे कराया जाए।

साथ ही उसकी एक विस्तृत कार्ययोजना बनाकर केन्द्र और राज्य सरकार को सौपें ताकि उसके अनुसार सरकार भी अपनी योजना बनाएं। इससे ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण जनता को लाभ मिलेगा।
उन्होंने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित राज्य विश्वविद्यालयों के कार्य परिषद, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्यों के सम्मेलन में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विवि द्वारा किए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों में ग्राम प्रधानों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को शामिल कर उन्हें केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी जाए ताकि उनका लाभ जनसामान्य को मिल सके। इसमें हमारे कार्यपरिषद के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।
उन्होंने विवि को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के सभी उपायों पर अमल करने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि जरूरत हो तो उच्च गुणवत्ता वाले विश्वविद्यालयों का भ्रमण कर वहां की कार्यप्रणाली को देखें। हर विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष अपने पाठ्यक्रमों को स्थानीय जरूरत के अनुसार तय करे।
अपने पाठ्यक्रमों में औद्योगिक प्रशिक्षण, अनुसंधान और उद्यमिता से जुड़े विषयों को अवश्य शामिल करें ताकि अधिक से अधिक रोजगार का सृजन हो सके। उन्होंने कहा कि जो अनुसंधान किए जाए उन्हें धरातल पर अवश्य उतारा जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय अपने परिसर से बाहर निकल कर ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, ग्राम प्रधानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों से सम्पर्क कर उन्हें लागू कराने में अपना सक्रिय योगदान दें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थाओं को समय के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। हम केवल डिग्रीधारी युवा तैयार न करें बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने वाले पाठ्यक्रमों पर बल दें और लघु उद्योग, छोटे स्टार्टअप प्रारम्भ करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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