सरधना: एक ओर सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए बड़े बजट पास कर रही है। वहीं, दूसरी ओर सिस्टम की लापरवाही सरकार की कोशिश पर पानी फेर रही है। कई ऐसे विद्यालय हैं जो लापरवाही की भेंट चढ़ रहे हैं। नानू गांव में करोड़ों रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा राजकीय विद्यालय लापरवाही के कारण खंडहर हो रहा है। सपा सरकार में शुरू हुआ विद्यालय का कार्य सरकार बदलते ही बंद हो गया। वर्तमान में निर्माणाधीन विद्यालय की बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गई है। बिल्डिंग की दीवारें क्षतिग्रस्त होने लगी हैं। परिसर में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है और झाड़ फूंस उग आई है। इतना ही नहीं लोग र्इंटें उखाड़ कर ले गए है। कुछ लोगों ने यहां उपले पाथकर बिटौरे खड़े कर दिए हैं।
क्षेत्र के लोग लंबे समय से इस विद्यालय के संचालन का सपना देख रहे हैं। मगर अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक इस ओर से पूरी तरह आंखे मूंदे बैठे हैं। यदि विद्यालय को संचालित किया जाए तो बर्बाद हो रहे करोड़ों रुपयों का सद्पयोग हो सकेगा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
दरअसल, सपा सरकार में वर्ष 2013-14 में सिवालखास विधानसभा के विभिन्न गांवों में राजकीय विद्यालय बनने का प्रस्ताव पास हुआ था। जिसमें नानू गांव का नाम भी शामिल था। नानू में विद्यालय का निर्माण बड़ी जोर शोर से शुरू हुआ था। ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि उनके बच्चों को बेहतर उच्च शिक्षा मिल सकेगी।