Gorakhpur: ओपीडी में आने वाली महिलाओं और बेटियों की स्क्रीनिंग की शुरुआत हुई
"सर्वाइकल कैंसर के टीके को जल्द ही एम्स ऐसी बेटियों और महिलाओं को लगाएगा"
गोरखपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने ओपीडी में आने वाली बेटियों और महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुख का कैंसर) से बचाने की बड़ी मुहिम शुरू की है. इसके तहत ओपीडी में आने वाली महिलाओं और बेटियों की स्क्रीनिंग की शुरुआत की है. स्क्रीनिंग कराने के बाद ऐसे मरीजों की सूची स्त्रत्त्ी एवं प्रसूति रोग विभाग तैयार कर रहा है. राष्ट्रीय टीकाकरण में शामिल सर्वाइकल कैंसर के टीके को जल्द ही एम्स ऐसी बेटियों और महिलाओं को लगाएगा.
सर्वाइकल कैंसर बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल किया है. यह टीके नौ से 14 वर्ष के बीच में बेटियों को लगाए जाएंगे. निजी अस्पतालों में यह टीके काफी महंगे हैं. साथ ही वहां इसकी स्क्रीनिंग भी नहीं होती है. यही वजह है कि एम्स ने बेटियों और महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग का फैसला लिया है.
एम्स की स्त्रत्त्ी एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व मीडिया सेल की चेयरपर्सन डॉ. आराधना सिंह ने बताया कि ओपीडी में आने वाली सभी महिलाओं और बेटियों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है. इससे सही समय पर सर्वाइल कैंसर की जानकारी मिल सकेगी. इसका टीका भी एम्स में जल्द ही लगना शुरू हो जाएगा. इसके अलावा स्कूलों में जाकर एम्स की टीम सर्वाइकल कैंसर के टीके के बारे में भी बताएगी.
28 से 30 फीसदी किशोरियों को सेनेटरी पैड की जानकारी नहीं: एक सेनेटरी पैड युवतियों और महिलाओं को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाता है. इसके इस्तेमाल से सर्वाइकल कैंसर, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, लिकोरिया जैसी गंभीर बीमारियों से युवतियां, किशोरी और महिलाएं बच सकती है.
इसके बाद भी जिले की 28 से 30 फीसदी किशोरियों को सेनेटरी पैड की जानकारी ही नहीं है. इसकी वजह से वह कपड़े का इस्तेमाल कर रही है. इसका खुलासा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 में हुआ है. जबकि, सर्वे-4 में यह आंकड़ा 48 फीसदी था.
डॉ. आराधना सिंह, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व मीडिया सेल चेयरपर्सन, एम्स