गाज़ियाबाद से पहले कूड़ेदान वाली मंजिलें

मित्रवत मित्रों की ले जाया जाए ताकि गंदगी और मिहवी न उड़ सके।

Update: 2023-09-21 12:25 GMT
गाज़ियाबाद: नगर निगम ने 55 करोड़ रुपये खर्च कर घरों का निर्माण किया। दीपावली से पहले साझीदारों को खरीदना होगा। इसके लिए नगर विकास विभाग के मुख्य सचिव ने निगम के मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिये हैं। सबसे पहले काम करने वाली सड़कों पर बड़े पैमाने पर कूड़ा-कचरा खोदा गया।
विस्फोट होने से पहले वायु प्रदूषण होना प्रतीत होता है। दीपावली के बाद वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया है। इस कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। हालाँकि प्रशासन, नगर निगम, जीडीए और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी प्रदूषण कम करने पर काम कर रहे हैं। प्रदूषण के बढ़ने पर प्लांट की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिल पाई।
उत्तर, शहर में सबसे अधिक संख्या में प्रोटेस्ट फ़्लोरिट्स पाए जाते हैं। उन पर बेकार कूड़ा-कचरा और मिट्टी उड़ती है। इस कारण मिट्टी के कण हवा में उड़ते हैं जो अवशेषों के लिए काफी घातक होते हैं। तीन दिन पहले लखनऊ में नगर विकास विभाग के मुख्य सचिव की बैठक हुई।इसमें बने विभाग के मुख्य अभियंता एनके चौधरी शामिल हुए। बैठक में वायु गुणवत्ता में सुधार करने की चर्चा हुई। सचिव ने मुख्य कलाकारों के निर्देश दिए कि दीपावली से पहले हर हाल में
मित्रवत मित्रों की ले जाया जाए ताकि गंदगी और मिहवी न उड़ सके।
कंपनी में करोड़ों की दुकान की दुकान की दुकान
इंदिरापुरम की एक व्यावसायिक कंपनी की जांच में स्टेट म्यूजियम की टीम ने बड़ी कर चोरी की है। कंपनी द्वारा एवं दिल्ली फर्मों के कई फ़र्ज़ी फर्मों से करोड़ों का सामान ख़रीदना प्रदर्शित किया गया। फर्म से एक करोड़ 19 लाख रुपये जमा दस्तावेजों की जांच शुरू हो गई है।
वाणिज्य कर विभाग(राज्य कर विभाग) से कपड़ा कंपनी ने सरकारी कार्यालय में फर्नीचर एवं अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए पंजीकरण करा रखा है। करीब एक साल पहले से नामांकन लेने के बाद धान्या फर्म द्वारा विभाग में मामूली कारोबार पर रिटर्न जमा किया गया था। विभाग ने पोर्टल पोर्टल से कंपनी का डेटा दस्तावेज़ और जांच शुरू की। इसमें कंपनी ने बड़े पैमाने पर आईटीसी क्लेम (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का भारी लाभ उठाने का खुलासा किया। टीम ने पिछले सप्ताह इंदिरापुरम स्थित कंपनी के आउटलेट और अन्य दस्तावेजों की जांच की कार्रवाई शुरू की। विशेष अनुसंधान शाखा के अपर कमिश्नर चौधरी तिवारी ने बताया कि कंपनी द्वारा ई फर्मों के कार्यालय के लिए फर्नीचर और अन्य संसाधनों की खरीदारी की गई है, जबकि जांच में जिन फर्मों की खरीद दिखाई गई है, वे सभी फर्मों की फर्मों की सहमति में ही नहीं पाई गई है। गया.
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