रेतीले क्षेत्र के रूप में दिखने लगे सरयू नदी के घाट

Update: 2024-03-12 05:03 GMT

फैजाबाद: सरयू नदी का ज्यादातर स्थल रेतीले क्षेत्र जैसा दिखने लगा है. आधा दर्जन से अधिक घाटों पर पानी नही है. केवल तीन घाटों पर कुछ पानी बचा है .जिसमे श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक के बाद रामनवमी तक पानी दिखेगा, बरसात शुरू होते ही जलस्तर बढ़ जाता है क्योंकि नेपाल देश से पानी छोड़ने पर सरयू के जलस्तर में काफी बढ़ोत्तरी होती है. रेत होने के कारण धार्मिक अनुष्ठानों की धूम भी है.

इन दिनों सरयू नदी रेगिस्तान के रूप में नजर आ रही हैं. जहां तक नजर पंहुचती है बालू ही बालू नजर आ रही है. नदी का संपर्क गुप्तार घाट के बाद से रामधाम के बीच ज्यादातर जगहों पर टूट गया है. जिससे राजघाट, कौशल्या घाट, झुनकी घाट , निर्मोचन घाट ,गोलाघाट और लक्ष्मण घाट पर पानी नही है. पानी न होने के कारण माह से किसी श्रद्धालु ने इन घाटों पर स्नान नहीं किया है. आरती घाट से लेकर कच्चे घाट के बीच स्थिर रूप में पानी बचा है. इसी स्थल पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं.

प्राण प्रतिष्ठा यानी 22 जनवरी के बाद से ढाई से तीन लाख श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या में पहुंच रहे हैं . जिसमें बहुत से श्रद्धालु सरयू में स्नान कर मंदिरों में दर्शन पूजन कर रहे हैं. सीमित घाटों में पानी होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक सरयू में पानी नेपाल रीजन से आता है. बरसात के समय बैराज से पानी छोड़ा जाता है .

इस समय नहरों में भी पानी की मांग है. यही कारण है कि पानी आगे की तरफ फ्लो में नही जा पाता है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी अमन राज के मुताबिक सरयू में पानी की मात्रा रामनवमी तक बढ़ेगी. इसके बाद बढ़ते क्रम में पानी रहेगा. फिलहाल अभी कुछ दिनों तक नदी सुखी दिखाई देगी.

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