गीत गगन काव्य रचना का हुआ विमोचन

Update: 2023-03-27 12:32 GMT

बाराबंकी: तत्कालीन समाज की परिस्थितियों का प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से परिदृश्य प्रस्तुत करने वाली रचना ही सफल रचना मानी जाती है, काव्य संग्रह गीत गगन ऐसी ही कृति है। श्री ओम की रचनाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल दिखती है। यह बात बतौर मुख्य अतिथि साहित्यकार एवं मुख्य कर अधिकारी झांसी डीएम कटियार ने रविवार को कवि ओपी वर्मा ओम की पुस्तक गीत गगन के विमोचन समारोह में कही। साहित्यकार समिति एवं यूनिक सोशल वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में पुस्तक का विमोचन समारोह डिस्ट्रिक्ट को-आपरेटिव बैंक के सभागार में सम्पन्न हुआ।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ कथाकार महेन्द्र भीष्म ने कहा कि गीत गगन पुस्तक गागर में सागर है। इसमें हासिये के लोग है तो धर्म, साहित्य, किसान, लव जिहाद जैसे विषयों को भी शामिल किया है। कवि की खासियत है कि वह समुद्र को एक बूंद बना देता है। श्री ओम ने जो देखा, सुना, भोगा और परखा उसे गीत गगन में लिखा है। प्रोफेसर छत्रसाल सिंह ने कहा कि कोई घटना बाद में घटित होती है, पहले वह वैचारिक रूप में जन्म लेती है और विचार को जन्म देने का काम कवि करता है। श्री ओम की रचनाएं पाठकों को गांव से जोड़ने का कार्य करती हैं। प्रोफेसर शार्दूल विक्रम सिंह ने कहा कि श्री ओम ने बैंक अधिकारी के रूप में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में रहकर कार्य किया है, इसलिए श्री ओम की रचनाओं में आम जनमानस की पीड़ा समाहित है। उनकी रचनाएं देश व समाज को संदेश देती हैं।मुख्य वक्ता समालोचक डॉ. श्यामसुंदर दीक्षित ने कहा कि कवि श्री ओम की कविताएं प्रभवित करती हैं। गीत गगन को तीन खण्डों में इस प्रकार रखा जा सकता है, जिसमें राष्ट्रप्रेम है, अध्यात्म एवं समाज विद्यमान है।

विमोचन समारोह की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक साहित्यकार डॉ0 रामबहादुर मिश्र ने कहा कि लेखन उच्च कोटि का होना चाहिए, लेखक को लिखने के साथ ही पढ़ना भी बहुत जरूरी है। कवि ओम ने जो कुछ देखा और भोगा है, साथ ही अनुभव किया है वह सब रचनाओं में मुखरित हुआ है। इसके अलावा विमोचन समारोह को लेखिका एवं पूर्व डिप्टी एसपी लखनऊ सत्या सिंह, जय सिंह सचान, डॉ0 अम्बरीष अम्बर, डॉ0 उमेश आदित्य, अकबाल राही, डॉ0 विनय दास ने भी सम्बोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध कवि राम किशोर तिवारी ‘किशोर’ ने किया। इस मौके पर अजय सिंह ‘गुरुजी’, कवि अजय प्रधान, प्रदीप सारंग, प्रदीप महाजन, आशीष आनन्द, डॉ0 बलराम वर्मा, अनुपम वर्मा, सदानन्द वर्मा, सनत कुमार अनाड़ी, लता श्रीवास्तव, दीपक दिवाकर आदि साहित्यकार एवम गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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