Gaziabad: फर्जी लूट मामले में तीन पुलिसकर्मियों समेत छह गिरफ्तार

आरोपियों से 4.36 लाख रुपये भी बरामद

Update: 2024-09-17 05:28 GMT

गाजियाबाद: वेव सिटी थानाक्षेत्र के डासना के पास दो दिन पूर्व हुई 12 लाख रुपये की लूट की घटना फर्जी निकली. वारदात का मास्टरमाइंड पीड़ितों का बहनोई डॉ. मोहतरम ही निकला. उसने सालों से रकम हड़पने के लिए साजिश रची थी. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए तीन पुलिसकर्मी समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से 4.36 लाख रुपये भी बरामद किए हैं.

डीसीपी देहात सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि मेरठ के लोहियानगर स्थित नूर गार्डन कॉलोनी निवासी बीएसएस डॉक्टर मोहतरम घटना का मास्टरमाइंड है. वारदात में शामिल उसके पिता आरिफ, दोस्त नदीम, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, हेड कांस्टेबल सचिन कुमार, हेड कांस्टेबल संजय कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. डीसीपी ने बताया कि 28 को इंदिरापुरम के न्यायखंड तृतीय निवासी मोहम्मद शादाब ने पुलिस को सूचना दी थी कि डासना स्थित आईएमएस कॉलेज के पास उनके साथ 12 लाख रुपये की लूट हुई है.

डीसीपी ने बताया कि मेरठ निवासी डाक्टर मोहतरम की शादी इंदिरापुरम में रहने वाले मोहम्मद शादाब की बहन से हुई थी. मोहतरम अपना अस्पताल खोलना चाहता था, लेकिन, उसके पास रकम नहीं थी. मोहतरम को मालूम था कि उसके साले मोहम्मद शादाब और मेहराज के पास काफी रुपया है, इसलिए उसने सालों की रकम हड़पने की योजना बनाई. इस योजना में मोहतरम ने अपने पिता मोहम्मद आरिफ और दोस्त नदीम को शामिल किया. नदीम खुद को समाजवादी पार्टी का नेता बताता है. उस पर पूर्व में भी अपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं.

डीसीपी ने बताया कि नदीम ने अपने दो साथी राशिद और आशु से संपर्क किया. साथ ही, हापुड़ में तैनात हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, आगरा में तैनात हेड कांस्टेबर सचिन कुमार और लोनी के अंकुर विहार में डायल-112 में तैनात संजय कुमार को भी साथ मिला लिया. मोहतरम ने सालों को भारतीय रुपये के बदले दुबई की दोगुनी करेंसी दिलाने का लालच दिया. इसके बाद मोहतरम अपने सालों को डासना के आईएमएस कॉलेज के पास 8.50 लाख रुपये लेकर पहुंच गया.

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