Gaziabad: झुग्गियां हटवाकर रोहिंग्या को बसाने का आरोप

"परिषद की टीम ने झुग्गियां हटा दीं"

Update: 2024-12-30 06:14 GMT

गाजियाबाद: कनावनी पुलिया के पास खाली जमीन पर बसी झुग्गियों में महापौर सुनीता दयाल पहुंचीं. उन्होंने सरकारी जमीन पर रोहिंग्या को बसाने का आरोप लगाया और आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों को फोन किया. परिषद की टीम ने झुग्गियां हटा दीं.

कनावनी गांव के बाहर कुछ झुग्गियां बन गई हैं और कुछ बनाई जा रही हैं. महापौर उधर से गुजरीं तो अवैध झुग्गियां देखकर रुक गईं. वसुंधरा के करीब होने के चलते उन्हें लगा कि जमीन आवास एवं विकास परिषद की है. बाद में पता चला कि यह जमीन निगम और सिंचाई विभाग की है. उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन सोनू और अमित नाम के दो लोग डेढ़ हजार रुपये किराये पर झुग्गी दे रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों चंद पैसों के लिए रोहिंग्या को बसा रहे हैं. मामले में उन्होंने पुलिस से भी कार्रवाई के लिए कहा है. महापौर की सूचना पर प्रवर्तन दल की टीम कुछ ही देर में यहां पहुंच गई और तुरंत बुलडोजर चलाकर झुग्गियों को हटा दिया गया.

बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने वालों को ही वेतन मिलेगा: जीडीए में इस महीने से बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही महीने का वेतन उन्हीं को दिया जाएगा, जिनकी बायोमीट्रिक हाजिरी लगी होगी. इससे कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है.

जीडीए एक से कर्मचारी और अधिकारियों के लिए बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था की है. इसको लागू करने से पूर्व नवंबर में इसका ट्रायल किया गया था, ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो. साथ ही, यह भी साफ कर दिया था कि में बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने वालों को ही वेतन मिलेगा. अगर किसी की कोई हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन से नहीं लगी है, तो उसका उतने दिनों का वेतन रोक दिया जाएगा. महीने के शुरू में कुछ कर्मचारियों ने बायोमीट्रिक हाजिरी नहीं लगाई. पूर्व में जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह ने भी औचक निरीक्षण कर कर्मचारियों को बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने के लिए कहा था.

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